समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को बड़ी राहत मिली है. आजमी को मुंबई की एक कोर्ट ने आज मंगलवार को मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने संबंधी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी. हालांकि कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा से 26 मार्च तक के लिए निलंबित किए गए आजमी पर कुछ शर्तें भी लगाईं. साथ ही उन्हें 20 हजार रुपये का जमानत मुचलका भरने का निर्देश दिया.
पिछले हफ्ते दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस थाने में महानगर के मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट के विधायक अबू आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. उन पर बीएनएस की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी समूह के धार्मिक विश्वासों का अपमान करना), 302 (किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 356 (2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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औरंगजेब को लेकर क्या कहा था आजमी ने
अबू आजमी पर उक्त केस औरंगजेब की तारीफ करने वाली टिप्पणी को लेकर किया गया था. समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक पहुंच गई थीं. आजमी ने औरंगजेब के दौर का जिक्र करते हुए दावा किया था, “हमारा जीडीपी (विश्व जीडीपी) का करीब 24 फीसदी था और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था.”
साथ ही आजमी ने औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई को राजनीतिक लड़ाई करार दिया था. कोर्ट के समक्ष आजमी की ओर से दलील दी गई कि उनकी ये टिप्पणियां किसी व्यक्ति का अपमान करने या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं की गई थीं. उनके वकील मुबीन सोलकर ने कोर्ट को बताया कि एफआईआर में उनके मुवक्किल के खिलाफ किसी अपराध का खुलासा नहीं किया गया है. साथ ही तर्क दिया कि विचाराधीन टिप्पणियां किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से नहीं की गई थीं. फिर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीजी रघुवंशी ने आजमी की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली.
कोर्ट ने आजमी पर कौन सी लगाई शर्ते
हालांकि अबू आजमी को राहत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाईं, जिसमें 20 हजार रुपये का सॉल्वेंट जमानत बांड भरना शामिल है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आजमी 3 दिन (12, 13, 15 मार्च) दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन जाएं, जहां पर केस दर्ज किया गया है और जांच में सहयोग करें.
सपा विधायक की यह टिप्पणी छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित हिंदी फिल्म ‘छावा’ को लेकर की गई थी, जिन्हें 1689 में औरंगजेब के कमांडर ने पकड़ लिया था. पिछले हफ्ते समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को औरंगजेब की तारीफ करने की वजह से 26 मार्च को चल रहे बजट सत्र के समाप्त होने तक विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन में कहा था कि औरंगजेब की तारीफ छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके योद्धा पुत्र संभाजी महाराज का अपमान है. सदन में उनके खिलाफ हुए एक्शन पर आजमी ने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई उनके द्वारा अपनी टिप्पणी वापस लेने के बावजूद की गई.