संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भी हंगामा जारी है. अडानी मामले पर विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया है. सदन से वॉकआउट करने के बाद विपक्षी नेता संसद परिसर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी शामिल हैं. लेकिन इस प्रोटेस्ट से समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली है.
इस दौरान विपक्षी सांसदों के हाथों में ‘मोदी-अडानी एक हैं’ और ‘अडानी पर भारत को जवाबदेही चाहिए’ के नारे लिखे बैनर और प्लेकॉर्ड नजर आ रहे हैं. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं. हम सदन के भीतर प्रोटेस्ट नहीं कर सकते इसलिए हमने संसद परिसर में प्रोटेस्ट किया है. ऐसे में सरकार के खिलाफ विपक्ष बिखरता नजर आया. अडानी मामले पर प्रोटेस्ट में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हुए लेकिन इसमें सपा और टीएमसी के सांसद नदारद रहे.
#WATCH | On INDIA Alliance's protest at Parliament premises, Congress MP Shashi Tharoor says, "It's a whole set of issues to do with the Modi Govt's policies… To be very honest, itis a sort of clear signal to the ruling party that many of their policies have found very strong… pic.twitter.com/mFJEjED9hM
— ANI (@ANI) December 3, 2024
25 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस अडानी मामले को लेकर है. लेकिन समाजवादी पार्टी संभल हिंसा पर चर्चा की मांग कर रही है. इससे पहले सोमवार को संसद की कार्यवाही से पहले इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई, जिसमें राहुल गांधी तो शामिल हुए थे लेकिन टीएमसी का कोई सांसद नहीं पहुंचा था.
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP Rahul Gandhi, Congress MP Priyanka Gandhi Vadra and MPs of INDIA bloc protest over Adani matter, at the Parliament premises. pic.twitter.com/QrwPv1vnfi
— ANI (@ANI) December 3, 2024
दरअसल तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि सदन में मंहगाई, बेरोजगारी, किसान, उर्वरक, विपक्षी राज्यों को मिलने वाले पैसे में कटौती और मणिपुर जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा हो. वहीं कांग्रेस चाहती है कि अडानी मुद्दे पर ही चर्चा हो. वहीं कांग्रेस के रूख से सपा भी किनारा करती दिख रही है. वहीं अन्य विपक्षी दल भी चाहते हैं कि किसान, संभल और मणिपुर जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो. यानि विपक्षी दलों में टीएमसी का रुख साफ है कि संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा हो, कमोबेश ऐसा ही कुछ समाजवादी पार्टी भी चाहती है.
सपा सांसदों ने आज लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और संभल मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया. सपा नेताओं के अनुसार अडानी का मुद्दा संभल जितना बड़ा नहीं है. सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हमारे लिए अदाणी से बड़ा मुद्दा किसान हैं. यानि कांग्रेस भले ही अडानी की रट लगाए बैठी हो, मगर विपक्ष के कई दल और भी मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं.
रेणुका चौधरी के बयान पर भी बवाल
#WATCH | Congress MP Renuka Chowdhury says, "We make all efforts from our end to run the House because the public expects us to raise their voice here strongly. If the Govt wants to run the House, it will function. If they do not want that, then everyone knows what the conspiracy… pic.twitter.com/mpct1x9Mhy
— ANI (@ANI) December 3, 2024
इस बीच कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के एक बयान पर विवाद हो गया है कि रेणुका चौधरी ने कहा कि हमारी तरफ से कोशिश है कि सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चले क्योंकि जनता ने हमें चुनकर संसद भेजा है और वे चाहते हैं कि हम उनकी आवाज को यहां बुलंद करें. अगर सरकार सदन चलाना चाह रही है तो चलेगा, अगर वह नहीं चलाना चाह रही है तो नहीं चलेगा. सब समझते है कि ये षडयंत्र क्या है. चौधरी ने कहा कि सदन चलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है बल्कि कुर्सी पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी है. अगर वे लायक हैं तो चलाएंगे, नालायक हैं तो नहीं चलाएंगे.