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‘कम बोलें, घर में रहें… महिलाओं को लेकर RSS का यही है आइडिया’, US में आजादी पर बोले राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेरिका के डलास में टेक्सास यूनिवर्सिटी (University of Texas) में छात्रों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर भी निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा, “आरएसएस का मानना ​​है कि भारत एक विचार है और हमारा मानना ​​है कि भारत विचारों की बहुलता है. हमारा मानना ​​है कि सभी को भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, ख्वाब देखने की अनुमति दी जानी चाहिए और उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास की परवाह किए बिना उन्हें स्थान दिया जाना चाहिए.”

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उन्होंने कहा कि यह लड़ाई चुनाव में और भी साफ हो गई, जब भारत के लाखों लोगों को यह समझ में आ गया कि भारत के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) हिंदुस्तान के संविधान पर हमला कर रहे हैं. मैंने आपसे जो भी कहा है, वह सब संविधान में है. आधुनिक भारत की नींव संविधान है.

राहुल गांधी ने भारतीय महिलाओं की बात करते हुए कहा, “मैं महिला सशक्तिकरण में विश्वास करता हूं, यह सुनिश्चित करना कि महिलाओं को बिजनेस में मौके मिलें, अगर वे अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहती हैं, तो उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करना और महिलाओं के लिए भागीदारी को आसान बनाना. महिलाओं के पास कई मुद्दे हैं. जिन्हें हमें उनकी भागीदारी को सक्षम करने के लिए संबोधित करने की जरूरत है. पहला कदम महिलाओं को पुरुषों के बराबर देखना है, यह स्वीकार करना है कि वे वह सब कुछ कर सकती हैं, जो एक पुरुष कर सकता है और उनकी ताकत को पहचानना है.”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह बीजेपी और हमारे बीच वैचारिक संघर्ष का हिस्सा है. बीजेपी और आरएसएस का मानना है कि महिलाओं को पारंपरिक भूमिकाओं तक ही सीमित रखा जाना चाहिए- घर पर रहना, खाना बनाना और कम बोलना. हमारा मानना है कि महिलाओं को वह सब करने की आजादी होनी चाहिए, जो वे करना चाहती हैं.

राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव में लोगों ने जो बात साफ तौर पर समझी और मैंने देखा कि जब मैं संविधान का मुद्दा उठाता था, तो लोग समझ जाते थे कि मैं क्या कह रहा हूं. वे कह रहे थे कि बीजेपी हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा पर हमला कर रही है, हमारे राज्यों पर हमला कर रही है, हमारे इतिहास पर हमला कर रही है.”

राहुल ने जोर दिया कि सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने (जनता) यह समझा कि जो कोई भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है, वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है. यही वजह है कि संसद में मेरी पहली स्पीच में आपने देखा होगा कि जब मैंने अभयमुद्रा के बारे में बात की,जब मैं यह कह रहा था कि यह तथ्य कि यह निडरता का प्रतीक है और यह हर एक भारतीय धर्म में मौजूद है, तो बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं कर सकी.

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