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‘आपकी टोन ठीक नहीं…’, जया बच्चन के आरोप पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़, संसद में जोरदार हंगामा

संसद में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी की सासंद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन पर सवाल उठाए. जया बच्चन ने कहा कि मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंगुएज समझती हूं. एक्प्रेशन समझती हूं. उन्होंने कहा कि मुझे माफ करिएगा लेकिन आपकी टोन जो है, वह ठीक नहीं है. ये स्वीकार्य नहीं है. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति भड़क गए. राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ और विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. विपक्षी सदस्यों ने ‘दादागिरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाए.

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जया बच्चन पर भड़के सभापति ने कहा कि आपने महान उपलब्धि हासिल की है, आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा. आप सेलिब्रिटी हैं. इस पर विपक्ष की तरफ से यह कहा गया कि ये सीनियर मेंबर हैं संसद की, आप इन्हें सेलिब्रिटी कैसे कह सकते हैं.

इस पर सभापति ने कहा कि सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं. मेरे पास अपनी स्क्रिप्ट है. विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए. हंगामे पर सभापति ने कहा कि ये चर्चा में शामिल नहीं होना चाहते. ये अपनी ड्यूटी से वॉकआउट कर रहे हैं. सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन से लेकर इमरजेंसी तक का जिक्र कर विपक्ष पर सवाल उठाए.

सभापति ने 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि आज ये संसद छोड़ गए. विश्व हमें रिकॉग्नाइज कर रहा है. जनता विकास देख रही है. हम विकास यात्रा पर हैं. मैं इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पूरी जिम्मेदारी के साथ करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण देश है. भारत के पीएम को वैश्विक रिकॉग्नाइजेशन है. भारत ने लगातार तीसरी बार सरकार रिपीट करके इतिहास रच दिया है. कुछ लोग पड़ोसी देश का उदाहरण दे रहे हैं.

 

सभापति ने कहा कि एक सेगमेंट नैरेटिव सेट कर रहा है, हमारी संस्थाओं को निशाना बना रहा है. सभी राइटविंग सोच वाले लोगों से अपील करता हूं कि ये शांत रहने का समय नहीं है. क्या हो रहा, देख रहे हैं. विपक्ष ने एलओपी एलओपी करते हुए वॉकआउट कर दिया. उन्होंने इमरजेंसी का जिक्र कर भी कांग्रेस को घेरा और कहा कि ये साधारण व्यवधान नहीं है. इसके पीछे पूरा मैकेनिज्म है. ये हर नागरिक को जानना चाहिए कि ये लोकतंत्र का अपमान है.

नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ही नहीं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है. जिस तरह का व्यवहार आपके साथ हुआ है, वह गैरजिम्मेदाराना और अशोभनीय है. वे इतना नीचे आ गए हैं कि पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं. ऐसी शक्तियां जो देश को विभाजित करना चाहती हैं, उनके साथ जब विपक्ष की आवाज दिखती है तब संशय होता है कि क्षेत्रीय पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है. सारी पार्टियां इस बात के लिए कि किसी भी तरह से हाउस न चले, इससे प्रेरित हैं. उनको माफी मांगनी चाहिए और सदन की मर्यादा की जो बात वे कहते हैं, उनको माफी मांगनी चाहिए.

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