रांची : सदन में सीएम से जवाब के लिए मांग पर अड़े विपक्ष के 18 विधायकों को स्पीकर ने कल 2:00 बजे तक के लिए सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने पूरे मामले की जांच का निर्देश सदाचार समिति को दिया है। समिति एक सप्ताह के भीतर अपना रिपोर्ट सौंपेगी। आज सभा की कार्रवाई शुरू होते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाया। सदन को हाईजैक करने की कोशिश का आरोप लगाया । कहा कि सदन को बंधक बनाने की कोशिश की गयी। इन सभी पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
झामुमो विधायक ने धरना में शामिल विधायकों का नाम भी पढ़ा। इसपर नाराजगी जताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखने की कोशिश की। लेकिन हंगामा बढ़ता चला गया। सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गए। माहौल इस कदर बिगड़ गया कि मुख्य सचेतक बिरंची नारायण रिपोर्टिंग टेबल के पास आ गये। इस दौरान भाजपा विधायकों ने सीएम के जवाब पर आधारित मांग की प्रति को फाड़कर वेल में उछालना शुरू कर दिया। भाजपा विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता और रणधीर सिंह रिपोर्टिंग टेबल पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। तब स्पीकर ने मार्शल आउट का आदेश दिया। इस पर भानु प्रताप शाही, कुशवाहा शशि भूषण मेहता और रणधीर सिंह को मार्शल ने सदन से बाहर कर दिया।
विपक्ष के स्टैंड पर नाराजगी बताते हुए स्पीकर भी अपने चेयर से उठ खड़े हुए और चेतावनी दी। इस दौरान सभी मार्शल स्पीकर की टेबल के पास खड़े हो गए। स्पीकर ने संविधान और कार्य संचालन के नियमों का हवाला देते हुए धरना में बैठे विधायकों को सभा की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। धरना में शामिल सिर्फ नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी और आजसू विधायक लंबोदर महतो को निलंबित नहीं किया गया है। अपना फैसला सुनाते हुए स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
निलंबित विधायकों की सूची
- अनन्त कुमार ओझा
- रणधीर कुमार सिंह
- नारायण दास
- अमित कुमार मंडल
- डॉ० नीरा यादव
- किशुन कुमार दास
- केदार हाजरा
- बिरंची नारायण
- अर्पणा सेनगुप्ता
- डॉ. राज सिन्हा
- कोचे मुण्डा
- भानु प्रताप शाही
- समरी लाल
- सीपी सिंह
- नवीन जयसवाल
- डॉ० कुशावाहा शशि भूषण मेहता
- आलोक कुमार चौरसिया
- पुष्पा देवी