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आपातकाल पर स्पीकर का प्रहार प्रशंसनीय… PM मोदी ने की ओम बिरला की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के बयानों की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि हमें इस बात की प्रसन्नता है कि माननीय अध्यक्ष महोदय ने आज अपने कथन में आपातकाल की निंदा की है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बाबत एक पोस्ट शेयर की. और लिखा कि ये जानकर अच्छा लगा कि अध्यक्ष महोदय ने सदन में आज अपने बयान में आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों की चर्चा की.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माननीय स्पीकर ने अपने कथन में आपातकाल की ज्यादतियों पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह से उन दिनों लोकतंत्र का गला घोंटा गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन दिनों पीड़ितों के सम्मान में मौन खड़े रहना भी एक अद्भुत भाव था.

 

आज पीढ़ी को जानना जरूरी- पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि आपातकाल के पांच दशक हो रहे हैं. आज की पीढ़ी को इसके बारे में विस्तार से जानना जरूरी है. पीएम ने लिखा कि यही सबसे सही समय है. लोगों को जानना चाहिए कैसे जब संविधान को कुचल दिया जाता है, जब आम जनता की राय दबा दी जाती है और जब संस्थानों के अधिकारों को नष्ट कर दिया जाता है तो क्या होता है.

क्या कहा था लोकसभा अध्यक्ष ने?

आज सदन में सबसे पहले लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ. इसके बाद लोकसभा में आपातकाल पर प्रस्ताव पेश किया गया था. इसी दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा आपातकाल की निंदा की थी और कहा था कि उस दौरान जितने भी लोगों ने सड़कों पर उतर कर संघर्ष किया, उन सभी ने देश के लोकतंत्र को मजबूती दी.

 

ओम बिरला ने कहा कि 25 जून सन् 1975 का वह दिन देश के इतिहास का काला दिन था. आपातकाल का फैसला बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान पर प्रहार था. इसी के साथ उन्होंने कहा कि उस दौरान लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आघात किया गया था. मीसा का प्रयोग करके विरोधियों को जेल में डाला गया था.

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