किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी आवश्यकता होती है भोजन और आवास इसमें से एक आवश्यकता तो ऐसी है जिसके बिना जीवन संभव नहीं और वह है भोजन
इन आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील सोच रखते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन और आवास की सुविधा उपलब्ध काई जा रही है।
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के तहत् गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों के साथ सभी परिवारों को भोजन का अधिकार सुनिश्चित करने तथा पात्रता अनुसार राशन सामग्री उपलब्ध कराने हेतु छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया। जिसके अतंर्गत जशपुर जिले में 61,472 अन्त्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार 1,83,521 प्राथमिकता राशन कार्ड धारियों को 1 से 2 सदस्यों के लिए 10 किलो प्रति सदस्य के मान से प्रतिमाह एवं 3 से 5 सदस्य वाले परिवार को 35 किलो एवं 5 से अधिक सदस्य वाले परिवारों को 7 किलो चावल प्रति सदस्य प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है। 670 एकल निराश्रित एवं 217 निःशक्तजन राशनकार्ड पर 10 किलो चावल प्रतिमाह निःशुल्क प्रदाय किया जा रहा है।
राज्य शासन के निर्णय अनुसार जनवरी 2024 से दिसम्बर 2028 तक समस्त अन्त्योदय तथा प्राथमिकता कार्डधारियों हेतु चावल की उपभोक्ता दर निःशुल्क होगी।
जिले में कुल 2 लाख 63 हजार 195 राशनकार्ड प्रचलित है जिनको खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
इनमें 17 हजार 315 एपीएल कार्ड भी शामिल हैं।
सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत जिले में 17,315 सामान्य परिवारों (आयकरदाता एवं गैर आयकरदाता) को भी खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। सामान्य राशनकार्डों में खाद्यान्न की पात्रता 1 सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 या 03 से अधिक सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो खाद्यान्न प्रतिमाह जिसकी उपभोक्ता दर 10 रूपये प्रतिकिलो निर्धारित
की गई है।
मुख्यमंत्री साय के निर्देशानुसार राज्य शासन और जिला प्रशासन जशपुर में महिला सशक्तिकरण के दिशा में भी सार्थक पहल हो रहा है। इसके लिए शासन के निर्देशानुसार राशनकार्ड हेतु प्रत्येक परिवार की वरिष्ठ एवं वयस्क महिला को परिवार का मुखिया बनाया गया है। साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों के आबंटन राशन सामग्री के समयबद्ध भण्डारण एवं उचित मूल्य दुकानों में उपलब्धता बनाये रखने के साथ-साथ संपूर्ण वितरण व्यवस्था की बेहतर निगरानी के उददेश्य से छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू किया गया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत जिले में कुल 494 उचित मूल्य की दुकानें संचालित है। जिसके माध्यम से हितग्राही लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें सहकारी समिति द्वारा 08, महिला स्व सहायता समूह द्वारा 54, ग्राम पंचायत द्वारा 423, नगरीय निकाय द्वारा 09 उचित मूल्य की दुकाने संचालित है।