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पंचामृत से स्नान, केसर जल से अभिषेक; सावन के चौथे सोमवार पर महाकाल का विशेष शृंगार

सावन के चौथे सोमवारी को देश भर के शिव मंदिरों में आस्था की बयार बह रही है. मध्य प्रदेश के उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज बाबा महाकाल आधा घंटा पहले जागे. रात 2:30 बजे ही मंदिर के पट खोल दिए गए. मंदिर का परिसर बाबा महाकाल के जयकारे से गूंज उठा.

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बाबा महाकाल की भस्म आरती वैसे तो सुबह 3 बजे शुरू होती है, लेकिन आज श्रावण मास के चौथे सोमवार के विशेष महत्व के चलते बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए आधा घंटा पहले जागे. हजारो भक्त बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए.

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरू ने बताया कि भगवान वीरभद्र से आज्ञा लेकर मंदिर का चांदी द्वार खोला गया. इसके बाद भगवान का पूजन-अर्चन हुआ. इस दौरान महाकाल को पंचामृत से स्नान करवाया गया. उन पर केसर जल अर्पित किया गया और चंदन व भांग से बाबा महाकाल का विशेष शृंगार भी किया गया.आज सुबह भगवान के विशेष शृंगार के बाद उन्हें महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई.

श्रावण मास की चौथी सवारी आज

चौथी सोमवारी पर आज बाबा महाकाल की सवारी शहर में निकलेगी. इस दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर आज बैलगाड़ी पर नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे. जबकी पूर्व अनुसार पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप में विराजित रहेंगे. इस दौरान हाथी पर श्री मनमहेश, नंदी पर उमा महेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. बाबा महाकाल की सवारी के दौरान घासी जनजातीय समुदाय के लोग नृत्य की प्रस्तुति देंगे. साथ ही पालकी के आगे भजन मंडली भी प्रस्तुति देते हुए आगे बढ़ेगी.

रजत मुकुट दान दिया

मुम्बई के सायन से पधारे अनंत प्रदीप जोशी की ओर से श्री महाकालेश्वर भगवान को 1 नग रजत मुकुट अर्पित किया गया. इसका कुल वजन 2046.500 ग्राम है. इसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की ओर से प्राप्त किया गया. यह जानकारी श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई.

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