तमिलनाडु और केंद्र के बीच भाषा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इस मामले को लेकर अभी तक पशोपेश में रही कांग्रेस अब खुलकर सीएम स्टालिन के सपोर्ट में आ गई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि तीन भाषा विवाद पर कांग्रेस स्टालिन का समर्थन करती है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बीते दिन कहा था कि भाषाई समानता की मांग करना अंधराष्ट्रवादी होना नहीं है. असली अंधराष्ट्रवादी और राष्ट्रविरोधी, हिंदी कट्टरपंथी हैं, जो मानते हैं कि विरोध देशद्रोह है.
मुख्यमंत्री ने कहा, जब आप विशेषाधिकार के आदी होते हैं तो समानता भी उत्पीड़न जैसी लगती है. मुझे याद है जब कुछ कट्टरपंथियों ने हमें तमिलों के लिए उचित स्थान की मांग पर राष्ट्रविरोधी करार दिया. अंधराष्ट्रवाद क्या होता है? अंधराष्ट्रवाद 140 करोड़ नागरिकों पर लागू होने वाले 3 आपराधिक कानूनों को एक ऐसी भाषा देना है, जिसे तमिल लोग न बोल सकते हैं और न ही समझ सकते हैं.
मातृभाषा मधुमक्खी के छत्ते की तरह होती है
उन्होंने कहा, किसी भी चीज को थोपने से दुश्मनी पैदा है, जो कि एकता को खतरे में डालती है. पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग धर्म से एकजुट हैं लेकिन भाषा से अलग हैं. पाकिस्तान ने बांग्लादेश पर भाषा थोपी और यही नए देश के निर्माण की वजह थी. भाषा का प्रभुत्व ही सोवियत संघ के खंड-खंड होने की वजहों में से एक था. मातृभाषा मधुमक्खी के छत्ते की तरह होती है. इसे छूना खतरनाक होगा.
तमिल भाषा में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करें स्टालिन
उन्होंने कहा, अपनी मातृभाषा की तरह हम सबकी मातृभाषा का सम्मान करते हैं. जिन लोगों की मातृभाषा हिंदी है, वो भी हमारे भाई-बहन हैं. इस मामले को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्टालिन से तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा देने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने तमिल भाषा की सराहना भी की. उन्होंने कहा, मैं तमिलनाडु के सीएम से छात्रों के फायदे के लिए राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने की अपील करता हूं.