उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई. फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ. हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए. लाशों और घायलों को बस-टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC, एटा जिला अस्पताल और अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया. सिकंदराराऊ CHC के बाहर 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं. रातभर पोस्टमॉर्टम हुए. एटा जिला अस्पताल में 27 शव पहुंचे. कुल 122 की मौत हो चुकी है.
हादसे के बाद बाबा अंडरग्राउंड हो गए हैं. पुलिस रातभर छापेमारी करती रही. पुलिस मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंची. लेकिन वहां बाबा नहीं मिले. 22 आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है लेकिन इसमें बाबा का नाम नहीं है. सीएम योगी अधिकारियों से देर रात तक हादसे की रिपोर्ट लेते रहे. आज सुबह 11 बजे हाथरस के जिला अस्पताल पहुंचेंगे.
घटनास्थल के हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी. घायल जमीन पर तड़प रहे थे. उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे. मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम UP के जिलों के हैं. इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया. साथी उन्हें डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उनकी मौत हो गई. हालांकि, एटा SSP ने सिपाही की मौत की वजह बीमारी बताई है.
#WATCH मैनपुरी, यूपी: हाथरस में हुई भगदड़ घटना पर डिप्टी एसपी सुनील कुमार ने कहा, "आश्रम (राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट) में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। हमने किसी को नहीं रोका है…हम यहां पर इसलिए हैं ताकि किसी के साथ भी कोई हादसा न हो…" pic.twitter.com/yqT3yM0O3j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2024
हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है. कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया. सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था. सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे. कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे. परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे. अफसर खड़े देखते रहे. न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था.
जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना पर… pic.twitter.com/VOcNSmZkwW
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 2, 2024
ऐसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े. भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई. लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं.