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मानकों की उड़ रही धज्जियां! सुल्तानपुर फोरलेन पर मशीन की जगह मजदूरों से हो रहा काम

सुल्तानपुर : सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन हाइवे के हनुमानगंज बाईपास पर आरओबी पुल का निर्माण कार्य मानकों से समझौता करते हुए किया जा रहा है. मशीन के स्थान पर मैनुअल तरीके से सड़क का निर्माण हो रहा है।रेलवे ओवरब्रिज के एक लेन का काम पूरा हो चुका है. पुल के उत्तरी भाग पर आठ दिनों से सड़क ढलाई का काम चल रहा है.

 

उत्तरी तरफ आरसीसी सड़क बनने के बाद ही पुल पर यातायात शुरू होगा। 10 मई तक आवागमन शुरू होने की योजना थी.लेकिन मैनुअल काम के कारण परियोजना कई महीने पीछे जा सकती है.पश्चिमी लेन पर आरसीसी सड़क की ढलाई भी हाथों से की जा रही है.इससे काम में दस गुना अधिक समय लग रहा है। पूर्वी भाग पर गार्डर की जोड़ाई का काम रेलवे इंजीनियरों की निगरानी में हो रहा है। मशीन से यह काम चार दिन में पूरा हो सकता था.

 

मगर मैनुअल काम से आठ दिन में भी एक-चौथाई हिस्सा ही तैयार हो पाया है. सडक विभाग से जुडे ठेकेदारो की माने तो आरसीसी फोरलेन सडक बनाने वाली मशीन को चलाने के लिऐ एक लाख रूपये प्रतिदिन का खर्च लगता है.जिसको चलाने को विशेसज्ञ चालक भी आते है.मैनुअली सडक बनाने मे करीब डेढ से दो लाख रूपये प्रतिदिन ठेकेदार बचा रहा है.

 

तथा समय भी चार गुना अधिक लग रहा है। यह काम पहले गायत्री प्रोजक्ट लिमिटेड कर रहा था जिसके ब्लैक लिस्टेड होने पर श्रद्धा इन्फोटेक द्वारा पुल की सडक का काम हो रहा है। कंपनी द्वारा लोकल पेटी ठेकेदार से सडक बनाने का काम हो रहा है। जिसमे मशीन न आने से मानक की अनदेखी के साथ ही समय भी अधिक लग रहा है. एनएचएआई के परियोजना मैनेजर नितिन कुमार ने बताया कि मशीन न मिलने के कारण मैनुअल काम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि काम की निगरानी की जा रही है.

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