राजस्थान: डीडवाना – कुचामन ,के मारोठ थाना क्षेत्र के थानाधिकारी शंकर लाल और दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है.
आरोप है कि, मारोठ थाने में पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता और राजपूत समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ कथित दुर्व्यवहार किया गया, कहा जा रहा है कि, थाने में गए वकील गोपाल सिंह सहित अन्य लोगों को पुलिस ने जबरन हवालात में डालकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसके बाद राजपूत समाज में रोष व्याप्त हो गया और राजपूत समाज के लोग शुक्रवार से ही मारोठ थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे.
थानाधिकारी सहित आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग राजपूत समाज की और से की जा रही थी । राजपूत समाज का धरना, शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा.
इस दौरान धरने में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना व परबतसर के पूर्व विधायक मानसिंह किंसरिया और राजपूत नेता भंवर सिंह पलाड़ा भी पहुंचे, और पुलिस की कार्यशैली का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मारोठ थानाधिकारी ने बिना किसी अपराध और ठोस वजह के राजपूत समाज के अधिवक्ता सहित कुछ लोगों को हवालात में डालकर दुर्व्यवहार किया । यह कृत्य ना तो संवैधानिक है ना ही कानूनन उचित है। पुलिस का काम कानून की पालना करना है, ना की पुलिस की धौंस दिखकर लोगों को डराना। उन्होंने सरकार से मारोठ थानाधिकारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की.
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे , जो लोगों से समझाइश करते रहे । आखिरकार राजपूत समाज के विरोध ओर धरने के बाद शनिवार शाम को डीआईजी अजमेर के निर्देश पर कुचामन एएसपी नेमीचंद खारिया ने मारोठ थानाधिकारी शंकरलाल और 2 कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया। तीनों का मुख्यालय रिजर्व पुलिस लाइन डीडवाना रखा गया है।पुलिस और प्रशासन की और से राजपूत समाज के लोगों को भरोसा दिलाया गया कि मामले की जांच परबतसर एएसपी द्वारा की जाएगी और अगर थानाधिकारी और पुलिसकर्मियों पर जो आरोप है, वे सही पाए गए तो उन्हें निलंबित भी किया जाएगा.
ग्रामीणों ने पुलिस का किया समर्थन
दूसरी ओर मारोठ क्षेत्र के ग्रामीणों ने मामले में मारोठ थाना अधिकारी और मारोठ पुलिस का समर्थन करते हुए उपखंड अधिकारी जीतू कुलहरी को ज्ञापन सौंपा.
उनका कहना था कि इस पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई प्रभावी रही है और पुलिस ने निष्पक्ष रूप से कार्य किया है.