छत्तीसगढ़ के हर जिले में बनेगी STF यूनिट: गृहमंत्री शर्मा ने कहा– बांग्लादेशी घुसपैठियों को कार्रवाई से पहले देना होगा स्पष्टीकरण..

छत्तीसगढ़ में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार अब बड़ा एक्शन लेने जा रही है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस पर स्ट्रक्चर्ड तरीके से कार्रवाई करेंगे। बाहरी लोगों से स्पष्ट कहना चाहता हूं कि, वो पुलिस के सामने आकर अपना स्पष्टीकरण दें, नहीं तो प्रदेश छोड़कर चले जाएं।

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विजय शर्मा ने कहा कि, हम अभियान शुरू कर रहे हैं। यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे लोग न केवल नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौतियां भी पैदा करते हैं।

इसके रोकथाम के लिए हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन किया जाएगा। अवैध दस्तावेज बनाने वाले, बिना वैध दस्तावेज वाले व्यक्तियों को लाने में संलिप्त कई ठेकेदार, टेंट व्यवसायी और कबाड़ी का काम करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ एक्शन के निर्देश

दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 28 अप्रैल को गृह विभाग की बैठक हुई थी। इसके बाद बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों, अवैध अप्रवासियों, बिना वैध दस्तावेजों के रहने वाले अनधिकृत व्यक्तियों की पहचान और उन पर प्रभावी कार्रवाई के लिए फैसला लिया है।

सभी एसपी को पुलिस हेडक्वार्टर से आदेश जारी

पुलिस मुख्यालय ने पत्र जारी कर सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि, वे भारत सरकार और वरिष्ठ कार्यालयों की तरफ से समय-समय पर जारी निर्देशों पर कार्रवाई करें। राज्य के सभी जिलों में बांग्लादेशी नागरिकों, अवैध अप्रवासियों की पहचान कर वैधानिक कार्रवाई करें।

स्पेशल टास्क फोर्स की सहायता से न केवल ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी, बल्कि उन्हें राज्य से निष्कासित करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। राज्य के कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ठेकेदारों के माध्यम से बाहर से आए मजदूर काम करते हैं।

इनके दस्तावेजों की जांच और सत्यापन नहीं होने के कारण यह आशंका है कि, कई अवैध अप्रवासी भी इन्हीं माध्यमों से राज्य में रह रहे हैं। ऐसे मजदूरों का ठेकेदारों के माध्यम से अनिवार्य रूप से सत्यापन कराया जाए।

दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा अनिवार्य

साथ ही फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र प्राप्त करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड समेत कई दस्तावेजों का सत्यापन कराना भी अनिवार्य है।

जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की जाएगी। पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे विशेष अभियान चलाकर अवैध अप्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करें। साथ ही एक्शन की जानकारी पुलिस मुख्यालय को भी भेजें।

पाकिस्तानियों का क्या हुआ ?

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान से भारत आए लोगों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने के निर्देश दिए थे। इसके बाद रायपुर आए 11 पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत छोड़कर अपने देश लौट गए।

यह नागरिक विजिटर वीजा पर रायपुर आए थे। अधिकांश अपने रिश्तेदार से मिलने आए थे। चार लोग इलाज के लिए आए थे।1000 से ज्यादा ने नागरिकता के लिए अर्जी दी है। पुलिस ने बताया कि, विजिटर वीजा पर आए 105 पाकिस्तानियों के दस्तावेज की जांच चल रही है, जो 45 दिनों के लिए आएं हैं।

600 लोगों को देश की नागरिकता मिली

सभी गैर-मुस्लिम हैं। इनका वीजा अभी खत्म नहीं हुआ है, जबकि 1000 लोग दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) पर हैं, जो लगातार अपने वीजा का समय बढ़वाते जा रहे हैं। पाकिस्तान से आए करीब 600 लोगों को देश की नागरिकता मिल गई है। वे अब रायपुर में रहकर अपना कारोबार कर रहे हैं।

गृह विभाग से मिले सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पाकिस्तान से आए करीब 2000 लोग रह रहे हैं। इनमें करीब 1800 रायपुर में ही हैं। दुर्ग, राजनांदगांव, बस्तर समेत अन्य जगहों पर भी पाकिस्तान से आए लोग रह रहे हैं।

पाकिस्तानी हिंदुओं को बसने दे सकती है सरकार

रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में पहले से कई पाकिस्तानी हिंदू आकर रह रहे हैं। पहलगाम अटैक के समय 125 हिंदू पाकिस्तान से आए हैं। इन सभी ने यहां बसने की मांग राज्य और केंद्र सरकार से की है। गृहमंत्री विजय शर्मा इन सभी से मिल चुके हैं।

उन्होंने कहा है कि इस मामले में हम इन्हें पाकिस्तानी पीड़ित हिंदू मान रहे हैं। केंद्र सरकार से निर्देश ले रहे हैं कि इस पर क्या कार्रवाई आगे हो सके।

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