Vayam Bharat

अरब सागर में हलचल से मध्य प्रदेश में कड़कड़ाती ठंड का सिग्नल, 1 हफ्ते में सर्दी की दस्तक

भोपाल : अरब सागर में हलचल और प्रशांत महासागर में ला नीना का प्रभाव मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड लाने की तैयारी में है. एक ओर जहां अरब सागर में बनी परिस्थितियों की वजह से अक्टूबर के मध्य में भी बारिश के कई सिस्टम बने, तो वहीं अब ला नीना के प्रभाव से जमा देने वाली ठंड की आमद होगी. इस बीच अगर फिर बारिश हुई तो ठंड की रफ्तार भी बढ़ेगी. मौसम विभाग के मुताबिक जल्द ही मध्यप्रदेश में ठंड दस्तक देने वाली है.

Advertisement

मॉनसून के बाद ठंड का अटैक शुरू

मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून की विदाई के साथ ठंड का असर बढ़ने लगा है. दिल्ली समेत कई उत्तरी राज्यों में रातें सर्द होने लगी हैं. वहीं इसका असर अब मध्य प्रदेश पर दिखाई देने लगेगा. ठंड को रफ्तार ला नीना के प्रभाव से मिलेगी ही, वहीं इस बार ज्यादा बारिश होने की वजह से भी ज्यादा और लंबे समय तक ठंड पड़ने का अनुमान है. बात करें इस साल के मॉनसून की तो मध्यप्रदेश से विदाई लेते हुए मॉनसून औसत से ज्यादा बरसा और 37.7 इंच की जगह कुल 44.1 इंच बारिश हुई. इस दौरान सबसे ज्यादा बारिश मंडला जिले में (60.6 इंच) हुई वहीं रीवा में सबसे कम 29.2 इंच बारिश हुई.

शीत ऋतु की इस तारीख से शुरुआत

मौसम विभाग के मुताबिक 20 अक्टूबर से प्रदेश में ठंड दस्तक दे देगी. ज्यादातर जिलों में इस दौरान रात का तापमान 20 डिग्री से नीचे गिर सकता है, लेकिन दिन के तापमान में गिरावट नवंबर की शुरुआत से ही देखी जा सकेगी. ऐसे में अक्टूबर के आखिरी दस दिनों में रातें ठंडी रहेंगी तो वहीं दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री के बीच होगा. इस बीच लोकल सिस्टम ने अगर बारिश कराई तो दिन के अधिकतम तापमान में तेजी से गिरावट आएगी.

पचमढ़ी हुआ सबसे ठंडा

मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के मुताबिक, ” फिलहाल ठंड की आमद नहीं हुई है, इसके बावजूद मध्य प्रदेश का पचमढ़ी हिल स्टेशन सबसे ठंडा रहा. यहां रात में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है जो अक्टूबर अंत तक 12 डिग्री तक गिर सकता है. इसके अलावा प्रदेश के कई जिलों में हल्की रिमझिम से मौसम सुहाना बना हुआ है. वहीं कुछ जिलों में दिन की तीखी धूप परेशान कर सकती है.”

नवंबर के लिए निकाल लें स्वेटर

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस वर्ष ला नीना के प्रभाव से बारिश की ही तरह ठंड काफी जोरदार होगी. वहीं इस वर्ष शीत ऋतु की अवधि भी ज्यादा होगी. ला नीना के साथ कई पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होंगे और सबसे पहले हिमालय के क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी होगी, जिसके बाद उत्तरी हवाएं तेजी से मध्य भारत को ठंड के आगोश में ले लेंगी. माना जा रहा है कि नवंबर की शुरुआत से ही तापमान में खासी गिरावट देखने को मिलेगी.

कैसे बढ़ेगी ठंड?

दरअसल, जब प्रशांत महासागर की सतह पर निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समुद्री सतह का तापमान काफी ठंडा हो जाता है, तो इस परिवर्तन को ला नीना कहते हैं. यह परिवर्तन बारिश और ठंड के ट्रेंड को बल प्रदान करता है. इस वर्ष ला नीना सक्रिय है और नवंबर के बाद और गति पकड़ेगा, जिससे पूरे देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भीषण ठंड पड़ेगी

Advertisements