शेयर बाजार (Stock Market) में तेजी का सिलसिला जारी है. लंबी गिरावट के बाद बीते हफ्ते मार्केट ने रफ्तार पकड़नी शुरू की और ये सोमवार को देखने को मिली. ग्रीन जोन में खुलने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex-Nifty) ने जबर्दस्त छलांग लगाई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1000 अंक उछला, तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 300 अंकों से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई. मार्केट में आई इस तेजी के चलते BSE Market Cap करीब 3 महीने के बाद एक बार फिर 5 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर गया.
20 जनवरी के बाद फिर पाया मुकाम
हफ्तेभर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने निवेशकों की संपत्ति में जबर्दस्त इजाफा किया है और इसका मार्केट कैपिटल 3 महीनों में पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े के पार निकला है. गौरतलब है कि इससे पहले बीएसई ने यह मील का पत्थर 20 जनवरी 2025 को हासिल किया था. ये आंकड़ा भारत को अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के साथ इतने हाई मार्केट कैप वाले कुछ देशों में शामिल करता है. बीते 7 अप्रैल से बाजार को BSE Market Cap 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक की गिरावट के बाद इसमें लगातार सुधार देखने को मिला है.
टैरिफ पर 90 दिन की रोक के बाद तेजी
मार्केट में ये रफ्तार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले के बाद से देखने को मिल रही है, जिसमें उन्होंने रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने को 90 दिन के लिए टाल दिया है. इसके बाद लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सभी कैटेगरी में तेजी देखने को मिली है. बीते 7 अप्रैल से अब तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में करीब 9% की वृद्धि दर्ज की गई है. इस दौरान बीएसई मिड और स्मॉलकैप में क्रमशः 9.4% और 10.6% का इजाफा हुआ है, तो वहीं निफ्टी बैंक में 11% की वृद्धि हुई और BSE PSU Index में 10% की बढ़ोतरी हुई है.
हालांकि, यहां बता दें कि हालिया तेजी से हुए रिकवरी के बावजूद अभी भी BSE Sensex और NSE Nifty अपने 52-वीक के हाई लेवल से 7 फीसदी से ज्यादा नीचे बने हुए हैं. जबकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक अपने हाई से क्रमशः 13.8% और 15.8% नीचे हैं.
US-India व्यापार वार्ता पर नजर
भले ही शेयर बाजार में लौटी तेजी से निवेशकों को राहत मिली है, लेकिन टैरिफ को लेकर ग्लोबल टेंशन के बीच निवेशक भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं पर पैनी नजर रख रहे हैं, खास तौर पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) की भारत यात्रा के दौरान होने वाली चर्चा पर, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ व्यापार मामलों पर चर्चा कर सकते हैं. इस बीच कच्चे तेल की गिरती कीमतों (Crude Oil Price Fall) ने महंगाई के दबाव को भी कम किया है, जिससे व्यापार संतुलन में सुधार हुआ है.