शेयर बाजार में आज अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 555 अंक टूटकर बंद हुआ जबकि निफ्टी भी भारी दबाव में रहा। इस गिरावट ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया और कुछ ही मिनटों में उनका लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का पूंजी बाजार से सफाया हो गया। बाजार की इस गिरावट के पीछे कई अहम वजहें बताई जा रही हैं।
पहला कारण है वैश्विक बाजारों में कमजोरी। अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजारों में लगातार बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। दूसरा कारण है कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें। तेल की कीमतों में उछाल से भारत जैसे आयातक देश पर दबाव बढ़ता है और निवेशकों का भरोसा कमजोर होता है।
तीसरा बड़ा कारण रुपये की कमजोरी है। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से विदेशी निवेशक सतर्क हो जाते हैं और बिकवाली बढ़ा देते हैं। चौथा कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार निकासी है। बीते कुछ दिनों से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर भारी दबाव पड़ा।
पांचवां कारण आईटी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में गिरावट है। आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे और बैंकों पर बढ़ते एनपीए का असर दिखा। छठा कारण घरेलू निवेशकों की घबराहट रही। अचानक आई गिरावट ने छोटे निवेशकों को डरा दिया और उन्होंने भी तेजी से शेयर बेचने शुरू कर दिए।
इन छह कारणों ने मिलकर बाजार में बड़ी गिरावट ला दी। विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अच्छा मौका भी साबित हो सकता है।
निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे घबराहट में फैसले न लें और मजबूत कंपनियों के शेयरों में ही निवेश बनाए रखें। बाजार में ऐसी अस्थिरता पहले भी देखी गई है और हर बार लंबी अवधि में स्थिरता लौटती रही है।