Stock Market Fear: ‘2008 जैसा माहौल फिर से…’ जीरोधा के नितिन कामथ को सता रहा रिटेल बिजनेस बंद होने का डर! 

पिछले साल से ही शेयर बाजार निवेशकों का नुकसान करा रहा है. वहीं अब ट्रंप के टैरिफ वॉर से मंदी का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में Zerodha के नितिन कामथ को रिटेल बिजनेस बंद होने का डर सता रहा है. नितिन कामथ (Nithin Kamath) को लगता है कि अगर बाजार में और गिरावट (Stock Market Fall) आती है तो खुदरा निवेशक सालों तक इक्विटी मार्केट से दूर हो सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे 2008 के बाद हुआ था.

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जीरोधा के को-फाउंडर्स ने एक्‍स पर लिखा कि पिछले पांच सालों की सबसे अजीब बात यह है कि रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स लगातार इक्विटी के शुद्ध खरीदार रहे हैं. क्‍या वे गिरावट के बाद भी खरीदारी जारी रखेंगे, यह किसी का अनुमान है.

उनका यह पोस्ट बाजार में बढ़ती अस्थिरता और अमेरिकी टैरिफ के कारण वैश्विक मंदी (Global Recession) की बढ़ती आशंकाओं के बीच आया है. कामथ ने चेतावनी दी कि बाजार में ज्‍यादा करेक्‍शन रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स को लंबे समय तक किनारे पर धकेल सकता है, जो 2008 के वित्तीय संकट के बाद की स्थिति को दर्शाता है.

जब पोर्टफोलियो में आई थी 30 फीसदी की गिरावट

उस समय रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. पोर्टफोलियो में 30% से अधिक की गिरावट आई, जिससे आत्मविश्वास और जोखिम उठाने की क्षमता कम हो गई. खासकर पुराने निवेशक सालों तक इक्विटी से दूर रहे. भारत में जनवरी और अक्टूबर 2008 के बीच सेंसेक्स (Sensex) 60% से अधिक गिरकर 21,206 के उच्चतम स्तर से 8,160 के निचले स्‍तर पर आ गया था.

हालांकि RBI के लिक्विडिटी बढ़ाने, राजकोषीय प्रोत्साहन और ग्‍लोबल इनफ्लो में उछाल के कारण इसमें सुधार हुआ, लेकिन सेंसेक्स को अपने पिछले उच्च स्तर को पुनः प्राप्त करने में लगभग दो साल लग गए. लेकिन आत्मविश्वास वापस आने में काफी समय लगा.

सोमवार को हुआ था 24 लाख करोड़ का नुकसान

कामथ की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब भारतीय बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव जारी है. तीन दिनों की बिकवाली ने मार्केट वैल्‍यू में 24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान किया, लेकिन मंगलवार को इसमें उछाल आया, जब सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक उछल गया और निफ्टी 22,500 अंक पर पहुंच गया.

फिर भी एक्‍सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि जोखिम अभी भी उच्च स्तर पर है और अगर ग्‍लोबल संकेत खराब होते हैं तो निवेशकों की भावना में तेजी से बदलाव आ सकता है.

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