रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन बर्केलमेंस से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार से होने वाले आतंकवाद पर गहरी चिंता जाहिर की. सूत्रों ने बताया कि चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री ने अपील की कि डच कंपनियों को पाकिस्तान को हथियार, प्लेटफॉर्म या टेक्नोलॉजी मुहैया नहीं करानी चाहिए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद कई दशकों से भारत के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, जिससे देश को गंभीर नुकसान झेलने पड़े हैं. मुलाकात के बाद, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि वे दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को और गहराई और ऊंचाई पर ले जाने के लिए तत्पर हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
चर्चा के दौरान, दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों पर सहयोग को लेकर भी चर्चा की. रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, दोनों मंत्रियों ने जहाज निर्माण, उपकरण और अंतरिक्ष क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की है. दोनों देशों के कौशल, तकनीक और संसाधनों के मुद्दे पर चर्चा हुई, जिससे सहयोग को और प्रभावी बनाया जा सके.
दरलैंड के युवा मंत्री से मिलकर क्या बोले राजनाथ सिंह?
रक्षा मंत्री ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “नई दिल्ली में नीदरलैंड के युवा और गतिशील रक्षा मंत्री रूबेन बर्केलमैन्स से मिलकर खुशी हुई. हमने भारत-नीदरलैंड रक्षा सहयोग के पूर्ण आयाम की समीक्षा की. हम अपनी रक्षा साझेदारी को और अधिक गहरा और उन्नत करने के लिए तत्पर हैं. हमारी चर्चा के क्षेत्रों में रक्षा, साइबर सुरक्षा, हिंद-प्रशांत और एआई जैसी उभरती टेक्नोलाजी शामिल रहीं.”
दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर की चर्चा
रक्षा मंत्रालय की तरफ से बयानों से पता चला कि दोनों नेताओं ने सुरक्षा, सूचना के आदान-प्रदान, इंडो-पैसिफिक और नई उभरती तकनीकों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और संबंधित तकनीकों में साथ काम करने के तरीकों पर विचार किया गया और रक्षा तकनीक अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई.