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छत्तीसगढ़ में आंधी-तूफान का कहर: बेमेतरा में 2 की मौत, कई शहरों में 10 घंटे ब्लैकआउट

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिन गरज चमक के साथ तेज हवा चल सकती है। कुछ हिस्सों में बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। 12 जिलों में आज ऑरेंज अलर्ट है। इससे पहले रायपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार शाम चली आंधी ने जमकर तबाही मचाई। 70 से 74 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऐसी आंधी 10 साल बाद चली है। देवेंद्र नगर चौक पर शेड गिरने से कई कारें दबी रही।

इसने तरपोंगी टोल को पूरी तरह उड़ा दिया। लोहे का स्ट्रक्चर तेज हवा का दबाव नहीं झेल पाया और उड़कर पास में गिर गया। इससे घंटों ट्रैफिक जाम रहा। हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है।

प्रदेशभर में सैकड़ों जगहों पर पेड़ और होर्डिंग्स गिरने से कई घंटों तक ब्लैकआउट की स्थिति रही। बेमेतरा जिले के राखी जोबा स्थित राइस मिल में आंधी तूफान से धान की बोरियां गिर गई। जिसके नीचे दबने से दो मजदूरों की मौत हो गई। वहीं पेड़ के नीचे दबने से एक मवेशी की भी जान चली गई।

रायपुर में 10 घंटे ब्लैकआउट

रायपुर में गुरुवार को आए आंधी-तूफान ने आम लोगों की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया। शाम 4 बजे घरों से बिजली गुल हो गई। कहीं रात के 2 बजे तो कहीं सुबह 5 बजे के बाद बिजली वापस आ सकी। पूरी रात राजधानी के लोग, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अंधेरे और मच्छरों की वजह से परेशान होते रहे।

बिजली विभाग के पास आई शिकायतों के मुताबिक, रायपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर 150 से अधिक मुहल्लों में बिजली गुल थी। इनमें टिकरापारा, कबीरनगर, मोहबाबाजार, डीडी नगर, बढ़ईपारा, मोवा, सड्‌डू, गुढ़ियारी, बोरिया खुर्द जैसे इलाके शामिल हैं।

इन इलाकों में रहने वाली 10 लाख की आबादी परेशान होती रही। लोग बिजली शिकायत केंद्रों में फोन करते रहे। कहीं फोन उठा ही नहीं कहीं मदद भेजी जा रही है कहकर कर्मचारियों ने फोन काटा, मगर मदद नहीं मिली।

बिजली कर्मचारी सेंटर छोड़कर भाग गया

कबीर नगर इलाके में बिजली शिकायत केंद्र में रात के 12:00 बजे लोगों की भीड़ पहुंच गई। वजह यह थी कि केंद्र पर कोई फोन नहीं उठा रहा था। लोग अपनी बिजली गुल होने की शिकायत नहीं दे पा रहे थे।

जब लोग यहां पहुंचे तो देखा दरवाजा बंद करके एक कर्मचारी रवाना होने की तैयारी में था लेकिन लोगों ने रोक लिया। कर्मचारी ने कहा कि मेरा सेंटर पर काम करने का समय पूरा हो चुका है, जो दूसरी टीम को आना था कोई नहीं आया है। इसलिए मैं जा रहा हूं।

भीड़ हंगामा करने लगी यह देखकर कर्मचारी भाग गया। सेंटर देर तक लावारिस रहा, लोगों की शिकायतों वाली फोन की घंटी सेंटर में यूं ही बजती रही। न कोई जवाब मिला न शिकायत नोट करने वाला कोई यहां घंटों तक पहुंचा।

रायपुर में दोपहर बाद बदला मौसम

गुरुवार को रायपुर में तेज धूप रही लेकिन 3 बजे के बाद मौसम बदलने लगा और 4 तेज आंधी तूफान चलने लगा। रायपुर में इस तरह बादल छाए कि 4 बजे ही अंधेरा हो गया।

रायपुर में दिन का तापमान 38.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 3 डिग्री कम था। वहीं न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो औसत से 2.8 डिग्री कम रहा। रात में भी ठंडी हवाएं चलती रही।

बिलासपुर में सामान्य से 5 डिग्री कम तापमान

बिलासपुर में अधिकतम तापमान 38 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से करीब 5 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। ये औसत से 3.6 डिग्री कम था। गौरेला पेंड्रा मरवाही में न्यूनतम तापमान 35.02 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया यह भी सामान्य से 4 डिग्री कम रहा।

सरगुजा संभाग में भी दिन का तापमान सामान्य से कम

गुरुवार को सरगुजा संभाग के जिलों में भी दिन का तापमान सामान्य से कम रहा। अंबिकापुर में अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो औसत से 3 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो नॉर्मल टेम्प्रेचर से 1.8 डिग्री कम था।

दुर्ग रहा सबसे गर्म

गुरुवार को प्रदेश में सबसे गर्म दुर्ग रहा यहां अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। दिन का तापमान अधिक रहने के बावजूद भी यह सामान्य से 2.8 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो औसत से 3.2 डिग्री कम है। गुरुवार को दुर्ग संभाग के जिले में भी आंधी चलने के साथ बारिश हुई।

 

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