जसवंतनगर/इटावा : उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में प्रकृति के अचानक और विनाशकारी प्रकोप ने एक परिवार से उनकी सदस्य को छीन लिया.जसवंतनगर तहसील के रुकनपुरा गाँव में बीती रात आई भीषण आंधी ने ऐसी तबाही मचाई कि दो मंजिला घर की छत पर सो रही एक महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी.इस दुखद घटना के बाद, शासन ने संवेदना दिखाते हुए मृतका के परिजनों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की है.
यह हृदय विदारक घटना रुकनपुरा गाँव में तब घटी जब द्रौपदी देवी नामक महिला अपने घर की दूसरी मंजिल की छत पर चारपाई पर आराम कर रही थीं.रात में अचानक मौसम ने करवट ली और इतनी तेज आंधी आई कि उसने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया.आंधी का वेग इतना अधिक था कि द्रौपदी देवी अपनी चारपाई समेत हवा में उड़ गईं और घर से दूर खेत में जा गिरीं। इस हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी हालत अत्यंत नाजुक हो गई.
घटना की जानकारी मिलते ही परिवार के सदस्य तुरंत द्रौपदी देवी को लेकर सैफई स्थित पीजीआई (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) पहुंचे, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.इस खबर से परिवार में मातम छा गया और पूरे गाँव में शोक की लहर दौड़ गई. घटना की सूचना मिलने के बाद, स्थानीय प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया और पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.
उप जिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत, तहसीलदार दिलीप कुमार और लेखपाल मोहम्मद जहीर स्वयं मृतका के घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी.उन्होंने शासन की ओर से दैवीय आपदा राहत कोष के तहत स्वीकृत ₹4 लाख की आर्थिक सहायता राशि का चेक मृतका के परिजनों को सौंपा.
अधिकारियों ने इस दौरान पीड़ित परिवार को यह भी आश्वासन दिया कि प्रशासन इस कठिन समय में उनके साथ खड़ा है और हर संभव मदद के लिए तैयार है.
उन्होंने बताया कि यह सहायता राशि सीधे तौर पर शासन द्वारा प्रदान की गई है, जो ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.प्रशासन ने घटना के बाद से ही पूरे संवेदनशीलता के साथ परिवार की मदद करने का प्रयास किया है, ताकि वे इस अपूरणीय क्षति से उबर सकें.