कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने विदिशा में जारी उनकी 7 दिवसीय कथा का बुधवार को अचानक समापन कर दिया. उन्होंने व्यास पीठ से चौथे दिन ही कथा समाप्ति की बात कही. पंडित मिश्रा ने कहा- पिछले चार दिन से हो रही बारिश की वजह से कथा स्थल के आसपास अव्यवस्था हो गई है. पानी भरा हुआ है, कीचड़ हो रहा है, जिसकी वजह से भक्तों को परेशानी हो रही है. किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इस दौरान हाथरस की घटना का भी उन्होंने जिक्र किया. उन्होंने हाथरस में हुए हादसे पर दुख जताया और जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी.
6 जुलाई को होना था कथा का समापन
पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा 30 जून (रविवार) से सागर-भोपाल बायपास स्थित गिरधर कॉलोनी में शुरू हुई थी, जिसका समापन 6 जुलाई को होना था. पहले दिन ही पंडित प्रदीप की कथा सुनने के लिए हजारों श्रद्धालु आए थे. हाल यह था कि दोपहर 1 बजे के पहले ही एक लाख वर्गफीट में बना पंडाल खचाखच भर गया था. इसके बाद पंडाल के बाहर भी लोगों की भीड़ नजर आई.
छाता और पॉलिथीन से बचते हुए कथा सुनी
दोपहर 3 बजे तक कथा सुनने पहुंचे भक्तों के लिए जगह ही नहीं बची. पंडाल में जितने लोग बैठे थे, उससे चार गुना ज्यादा पंडाल से बाहर थे. इसके बाद गेट पर एंट्री बंद कर दी गई थी. इस वजह से हजारों लोग सड़कों पर बैठे रहे. पंडाल से बाहर खड़े लोग छाता और पॉलिथीन ओढ़कर बारिश से बचते हुए कथा सुनते रहे.
बारिश का पानी पंडाल में भरा, कीचड़ में बैठे
कथा में दूसरे दिन भी बारिश हुई थी। नालियों से पानी निकासी सही नहीं होने से पंडाल के अंदर पानी भर गया था. इससे वहां कीचड़ हो गया. समिति के लोगों ने पानी निकासी के लिए गैंती और फावड़े से नालियों को साफ किया, लेकिन यह नाकाफी था. हाल यह था कि कथा वाचक के मंच के पास ही पंडाल में पानी भर गया था. इस वजह से पंडाल में मौजूद श्रोताओं को कीचड़ में बैठकर कथा सुननी पड़ी.
पं. मिश्रा बोले-भक्त कीचड़ में खड़े होकर कथा सुन रहे
मंगलवार को पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि विदिशा में शायद ऐसा पहली बार होगा कि भक्त कीचड़ में खड़े होकर कथा सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिनको दिखावा प्रिय है वे शिवपुराण में नहीं पहुंच पाते हैं और जिनको शिव प्रिय हैं वे शिव महा पुराण में पहुंच पाते हैं.
मंत्री प्रहलाद पटेल ने अव्यवस्थाओं को लेकर मांगी थी माफी
कथा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल भी पहुंचे थे. उन्होंने पं. प्रदीप मिश्रा का सम्मान किया. उन्होंने यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से माफी भी मांगी. मीडिया से बात करते हुए भी उन्होंने इस बात का जिक्र किया और अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारी लेते हुए क्षमा मांगी थी.