धमतरी में अजब गजब, महिला ने एक साथ चार बच्चों को दिया जन्म

धमतरी: धमतरी के एक निजी अस्पताल में एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है. जिले के निजी अस्पताल में महिला की डिलीवरी हुई. पहले तीन बेटियों का जन्म हुआ और उसके बाद बेटे का जन्म हुआ. धमतरी में अब तक का यह पहला केस है. इस बात की हर ओर चर्चा हो रही है. सभी चारों नवजात बच्चे का वजन कम है. इसलिए उन्हें बेबी वार्मर मशीन में रखा गया है. एक साथ चार बच्चों के जन्म से परिवार में खुशी की लहर है.

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समय से पहले हुई डिलीवरी: नगरी ब्लॉक के नंदेश्वर नेताम के यहां चार चार खुशियां आई है. नंदेश्वर का कहना है कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके चार बच्चे हुए हैं. घर में काफी खुशी है. मेरी शादी को 4 वर्ष हुए हैं, मेरी पत्नी लक्ष्मी नेताम सिलाई का काम करती है और मैं मजदूरी का काम करता हूं. मेरी पत्नी लक्ष्मी नेताम ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया. इनमें तीन लड़की और 1 लड़का है. निर्धारित समय से पहले 7 महीने में ही डिलवरी हुई है.

हमारी शादी चार साल पहले हुई थी. मेरी पत्नी लक्ष्मी को गर्भ नहीं ठहर रहा था. एक बार गर्भ ठहरा भी लेकिन वह मिसकैरेज हो गया. उसके बाद हमने डॉक्टरी इलाज की मदद ली. अब एक साथ चार बच्चों का जन्म हमारे यहां हुआ है-नंदेश्वर नेताम, नवजात बच्चों के पिता

निजी नर्सिंग होम में हुई डिलीवरी: सभी चार बच्चों की डिलीवरी निजी नर्सिंग होम में हुई है. इससे पहले नगरी अस्पताल में नंदेश्वर की पत्नी लक्ष्मी को भर्ती कराने पर पता चला कि गर्भ में चार बच्चे हैं. जिसके बाद नगरी अस्पताल से लक्ष्मी को धमतरी के उपाध्याय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. यहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन से प्रसव कराने का फैसला किया. लक्ष्मी की स्थिति को देखते हुए सिजेरियन यानि की ऑपरेशन के जरिए प्रसव कराने का फैसला लिया गया. लक्ष्मी को पहले तीन लड़कियां हुई. उसके बाद एक बेटा पैदा हुआ. इस तरह कुल चार बच्चों को लक्ष्मी ने जन्म दिया.

प्री मेच्योर डिलीवरी होने के कारण बच्चों को इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया है. अभी बच्चे और उनकी माता के सेहत को सामान्य होने में समय लगेगा. पहला बच्चा 1 किलो 500 ग्राम, दूसरा बच्चा 1 किलो 300 ग्राम, तीसरा बच्चा 1 किलो 100 ग्राम और चौथा बच्चा 900 ग्राम का है.-डॉ रश्मि उपाध्याय, स्त्री रोग विशेषज्ञ

डॉक्टरों ने जताई हैरानी: एक साथ चार बच्चों के जन्म को लेकर डॉक्टरों ने हैरानी जताई है. डॉक्टरों ने कहा कि आम तौर पर आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक का प्रयोग करने पर 2 या ज्यादा बच्चे होते हैं. ये प्राकृतिक रुप से हुआ है, डॉक्टरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ऐसे मामले नहीं के बराबर हैं. भारत देश में केरल प्रदेश के मणप्पुरम जिले में सबसे ज्यादा जुड़वा बच्चों का रिकॉर्ड है.

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