रायपुर में आवारा आतंक… रोजाना 100 से ज्यादा लोग पहुंच रहे अस्पताल, स्टॉक में इंजेक्शन सीमित

राजधानी में कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। हर दिन डॉग बाइट के 100 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. आंबेडकर अस्पताल और जिला अस्पताल पंडरी में रोजाना 80 से 100 लोग एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। यही हाल शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का है, जहां बड़ी संख्या में लोग उपचार के लिए आ रहे हैं। मगर स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल के चलते इन केंद्रों में फिलहाल इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

जिले में टीके का सीमित स्टॉक

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले के टीकाकरण स्टोर में महज 400 डोज एंटी रैबिज का स्टॉक रखा हुआ है। एक मरीज को एंटी रैबिज की पांच डोज की आवश्यकता होती है। ऐसे में उपलब्ध टीका केवल 80 लोगों के लिए ही पर्याप्त है, जबकि प्रतिदिन इससे कहीं अधिक मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।

  • केस- 01: प्रज्ञा ठाकुर- 26 वर्षीय प्रज्ञा ठाकुर शनिवार को डॉक्टर आंबेडकर अस्पताल में एंटी रैबिज का टीका लगवाने आयी थी। प्रज्ञा ने बताया की वह भांठागांव की रहने वाली है और वह शाम को घर के बाहर टहल रही थी, इतने में अचानक एक कुत्ते ने उनके पैर को काट दिया।
  • केस- 02: पूजा ठाकुर- 52 वर्षीय पूजा ठाकुर भी शनिवर को डॉ. आंबेडकर अस्पताल में एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगवाने आयी थी, पूजा ने बातचित में बताया की वह भाठागांव की रहने वाली है और शनिवार सुबह 7 बजे घर के बाहर खड़ी हुई थी उतने में एक कुत्ते ने उन्हें काट दिया। जिसके बाद पूजा एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगवाने डॉ. आंबेडकर अस्पताल आयी।
  • केस- 03: पंकज साहू- 40 वर्षीय पंकज साहू जिला अस्पताल पंडरी में एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचे थे उन्होंने बातचीत में बताया की वह मोवा के रहने वाले है रात में ड्यूटी से घर जा रहे थे बाइक की आवाज सुनकर कुत्तों ने उनपर हमला कर दिया और उनके पैर को काट दिया। पंकज ने बताया की मोवा में कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है जिसकी वजह से रात में आने जाने वालों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है।

लोगों में दहशत, प्रशासन मौन

लगातार बढ़ रहे मामलों से लोगों में दहशत है। पीड़ितों के स्वजन के अनुसार नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठोस कदम उठाए जाते नहीं दिख रहे। स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल ने समस्या को और गंभीर बना दिया है।

बरसात में क्यों बढ़ते हैं मामले

विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात का मौसम डॉग बाइट के मामलों में इजाफा होता है। डॉ. पवन कुमार शहानी बताते हैं कि इस मौसम में कुत्तों में हार्मोनल बदलाव आता है। यह उनके ब्रीडिंग का सीजन भी होता है, जिसके चलते वे आक्रामक हो जाते हैं और लोगों पर हमला कर बैठते हैं।

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