Uttar Pradesh: राम नगरी अयोध्या एक बार फिर राष्ट्रीय और धार्मिक चेतना का केंद्र बनने जा रही है. राम जन्मभूमि मंदिर में 3 जून से 5 जून तक प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा उत्सव और उससे पहले 1 जून से शुरू होने वाले मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के 87वें जन्मोत्सव को लेकर न सिर्फ श्रद्धालुओं और संतों में उत्साह है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता भी चरम पर है. इसी क्रम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह विशेष दौरे पर अयोध्या पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की.
रामलला के दरबार में पहुंचे DG, लिया आशीर्वाद
DG ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने अयोध्या पहुंचकर सबसे पहले रामलला के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। उनके साथ सुरक्षा अधिकारियों का एक विशेष दल भी मौजूद था, जिसने मंदिर परिसर के प्रत्येक सुरक्षा बिंदु का बारीकी से निरीक्षण किया. मंदिर में बढ़ती भीड़, वीआईपी मूवमेंट और आगामी उत्सवों के मद्देनज़र उन्होंने सख्त सुरक्षा मानकों को अपनाने के निर्देश दिए.
बैठक में हुए बड़े फैसले, सुरक्षा को किया गया हाई अलर्ट
CO अयोध्या आशुतोष तिवारी ने जानकारी दी कि DG ने मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें स्थानीय पुलिस, अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए. DG ने सभी सुरक्षा कर्मियों को अलर्ट मोड पर रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा, “राम मंदिर की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. देश की धार्मिक भावना और भावनात्मक जुड़ाव को देखते हुए यहां एक भी चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा सकती।”
आतंकी धमकियों को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई
सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में आतंकी संगठनों की संभावित गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी किया था। भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल और अतीत में अयोध्या पर हुए हमलों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता और भी बढ़ा दी है। मंदिर परिसर, मुख्य मार्गों, संत निवास स्थलों और आयोजन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और एंटी-सबोटाज चेकिंग जैसे आधुनिक उपकरणों को सुरक्षा में शामिल किया गया है। साथ ही, समय-समय पर सुरक्षा समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं, ताकि किसी भी चूक की संभावना न रहे.
प्राण प्रतिष्ठा का अद्भुत आयोजन: श्रद्धा और परंपरा का महासंगम
3 जून से शुरू हो रहे प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को लेकर राम मंदिर परिसर में भव्य तैयारियां चल रही हैं। इस अवधि में 14 मंदिरों में स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. कार्यक्रम में देशभर से संत, महंत, धर्माचार्य और श्रद्धालु शामिल होंगे। मंदिर ट्रस्ट और आयोजन समिति ने इसे ऐतिहासिक और धर्मपरायण बनाने की पूरी तैयारी कर ली है.
इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार, हवन-पूजन, शंखध्वनि और घंटानाद से मंदिर परिसर गूंजेगा. भक्तों के लिए विशिष्ट दर्शन व्यवस्था, प्रसाद वितरण और धार्मिक गोष्ठियों का भी आयोजन होगा.
10 दिन का जन्मोत्सव महोत्सव: संतों का महाकुंभ
महंत नृत्यगोपाल दास का 87वां जन्मोत्सव इस बार विशेष भव्यता के साथ मनाया जाएगा। 1 जून से 10 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में संतों का महासम्मेलन होगा। देशभर के प्रमुख मठों और अखाड़ों के संत अयोध्या पहुंचेंगे। रामलला के दर्शन, विशेष पूजा-अर्चना और भजन-संध्या इस आयोजन के प्रमुख आकर्षण होंगे.
विशेष बात यह है कि इस बार जन्मोत्सव और प्राण प्रतिष्ठा उत्सव एक ही समय पर होने से अयोध्या में एक अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण बनेगा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक प्लान, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन सेवाएं और लॉजिस्टिक सपोर्ट की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है.
सुरक्षा और श्रद्धा का संतुलन: प्रशासन की दोहरी चुनौती
इन दोनों कार्यक्रमों को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी परीक्षा साबित होने जा रही है, एक ओर जहां धार्मिक आस्था और परंपरा का उत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हर तरह की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त और चाक-चौबंद बनाए रखना भी जरूरी है.
DG CRPF का दौरा इस बात का संकेत है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। आने वाले दिनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर और भी बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
अयोध्या तैयार है एक ऐतिहासिक अध्याय लिखने को
राम नगरी अयोध्या इन दिनों एक बार फिर अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव की ओर बढ़ रही है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और संतों के महासम्मेलन के रूप में यह शहर एक भव्य अध्याय की ओर अग्रसर है। सुरक्षा, श्रद्धा और शांति की त्रिवेणी में डूबती यह रामनगरी पूरे देश को एक नई ऊर्जा और दिशा देने जा रही है.
अयोध्या कह रही है- आओ रामलला के दर्शन करो, पर सतर्क रहो, सजग रहो