खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई। कुलपति डॉ. लवली शर्मा ने कर्मचारियों की 13 में से 9 मांगों को स्वीकृत कर लिया है। बाकी 4 मांगें शासन स्तर की हैं।
बता दें कि कर्मचारी संघ ने 10 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया था। यह 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल गया। कर्मचारी वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति और समान वेतनमान की मांग कर रहे थे। साथ ही हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान भी मांगों में शामिल था।
मंगलवार को कुलपति डॉ. लवली शर्मा हड़ताल स्थल पहुंचीं। उन्होंने कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं। विश्वविद्यालय स्तर पर संभव सभी 9 मांगों को मंजूर कर लिया। इसके बाद कर्मचारियों ने आंदोलन खत्म कर दिया। कर्मचारियों ने कुलपति और कुलसचिव को गुलदस्ता भेंट कर आभार जताया।
संघ के जिला अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा और छात्रहित को देखते हुए आंदोलन समाप्त किया गया है। हड़ताल खत्म होते ही विश्वविद्यालय में सामान्य गतिविधियां शुरू हो गईं।
इन मांगों को मिली स्वीकृत
- दिनांक 14, 17, 18 एवं 21 जुलाई 2025 को की गई हड़ताल अवधि को निरंक मानते हुए कार्य दिवस के रूप में मान्यता दी जाए और वेतन प्रदान किया जाए।
- विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की पूर्व में त्रुटिपूर्ण जारी वरिष्ठता सूची के संबंध में उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में से निर्गत किए गए 4 कर्मचारियों को पुनः कार्य पर नियुक्त किया जाए।
- वर्ष 2025 की अंतिम वरिष्ठता सूची को अन्य वर्षों की भांति शीघ्र जारी किया जाए।
- वरिष्ठता के आधार पर पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की जाए।
- विश्वविद्यालय में स्वीकृत शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों के अभिप्रमाणित रोस्टर बिंदुओं की प्रति प्रदान की जाए।
- गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ के लिए स्वतंत्र कक्ष/भवन उपलब्ध कराया जाए।
- विश्वविद्यालय में कार्यरत ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर ली है, उन्हें समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए।
- छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार, सेवानिवृत्ति से 4 माह पूर्व अंशदान की कटौती बंद कर, पेंशन प्रकरण की तैयारी करवाई जाए ताकि कर्मचारी को समय पर पेंशन मिल सके।
ये हैं शासन स्तर की मांग
- विश्वविद्यालय में एकल पदों पर कार्यरत कर्मचारियों, जिनके लिए कोई पदोन्नति चैनल उपलब्ध नहीं है, के संबंध में शासन से पत्राचार कर पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।
- वर्तमान में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के आधार पर पेंशन प्रदान की जा रही है। इसे सातवें वेतनमान के अनुसार करने हेतु शासन से पत्राचार कर आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- पुरानी पेंशन योजना, जो शासन के अन्य विभागों में लागू की जा चुकी है, उसे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर भी लागू किया जाए।
- विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त/दिवंगत कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान करने के लिए कार्योत्तर स्वीकृति की प्रक्रिया पूर्ण की जाए ताकि आश्रितों को भी लाभ प्राप्त हो सके।