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उज्जैन: IPL से पहले महाकाल के दरबार में हाजिरी, धाकड़ ऑलराउंडर और स्पिन के महारथियों ने किए दर्शन, क्या बोले क्रिकेटर?

उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिदिन सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में मंगलवार सुबह एक दो नहीं बल्कि पूरे 9 भारतीय क्रिकेटर ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने नंदी हॉल के पास बैठकर बाबा महाकाल के दर्शन किए. साथ ही उन्होंने चांदी द्वार पर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की. भारतीय क्रिकेटर को देखते ही लोगों की भारी भीड़ मंदिर में उन्हें देखने के लिए पहुंच गई.

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महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित विपुल चतुर्वेदी में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार सुबह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, अभिषेक देसाई, ऋषभ चौहान, चिंतन गाजा, उमंग टांडेल, विशाल जायसवाल और भानु पनिया बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे थे. यहां उन्होंने लगभग 2 घंटे तक बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने यहां बाबा महाकाल का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना किया.

सभी ने मांगी मनोकामनाएं

इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामनाएं मांगी. मीडिया से बात करते हुए अक्षर पटेल ने कहा कि बाबा महाकाल हमें हर साल बुलाते रहते हैं इसलिए हम यहां पर आते हैं. बाबा महाकाल जानते हैं कि हमें क्या देना है और क्या नहीं देना है. खिलाड़ी रवि बिश्नोई ने बताया कि आज बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने के लिए दूसरी बार यहां आया हूं. बाबा महाकाल की कृपा आप और हम पर बनी रहे बस यही कामना है.

खिलाड़ियों ने की मंदिर में पूजा

बाबा महाकाल की पूजा अर्चना करने बाद सभी भारतीय क्रिकेटर मंदिर में कुंड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान श्री कोटेश्वर महादेव का पूजा-अर्चना और जलाभिषेक किया. वैसे तो बाबा महाकाल की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद लगातार बॉलीवुड के सितारे ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती और बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

कब-कब हो सकते है आरती में शामिल

एक साल पहले विराट कोहली भी बाबा महाकाल के दर्शन करने आए थे. जिसके बाद अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई लगभग दो से तीन बार बाबा महाकाल के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना आ चुके हैं. भस्म आरती वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सबसे पसंदीदा समय है, लेकिन अगर कोई वीआईपी इस समय नहीं आ पाता तो ,वह भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती तक बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर में पहुंचता है.

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