झुंझुनूं: जिले में स्मार्ट मीटर योजना के खिलाफ जनता का आक्रोश लगातार गहराता जा रहा है. बुधवार को सुलताना कस्बे में पावर हाउस के बाहर “स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति” के बैनर तले एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया. इस जनसभा में आसपास के 40 गांवों से हजारों ग्रामीण, किसान और मजदूर शामिल हुए.
वक्ताओं ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर गरीबों के हितों पर कुठाराघात है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन मीटरों के माध्यम से बिजली बिलों में मनमानी वसूली, फर्जी रीडिंग और तकनीकी गड़बड़ियों के बहाने आम जनता का शोषण किया जा रहा है. ग्रामीणों ने एकजुट होकर ऐलान किया कि वे किसी भी कीमत पर अपने गांवों में स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे.
सभा के उपरांत संघर्ष समिति ने चिड़ावा तहसीलदार को मुख्यमंत्री एवं जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत प्रभाव से बंद करने और पहले से लगाए गए मीटरों को हटाकर पुनः पुराने मीटर लगाने की मांग की गई है. साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने उनकी मांगों की अनदेखी की, तो जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
इस विरोध प्रदर्शन को कई सामाजिक संगठनों, किसान नेताओं और जनप्रतिनिधियों का समर्थन भी प्राप्त हुआ, जिससे आंदोलन को और बल मिला है. ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि यह लड़ाई अब केवल मीटरों की नहीं, बल्कि आम जनता के हक की लड़ाई है, जो आखिरी सांस तक लड़ी जाएगी.