हनुमानगढ़: राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट मीटर लगाने की योजना के खिलाफ हनुमानगढ़ जिले में विरोध की लहर तेज हो गई है. मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए.
माकपा नेताओं का आरोप है कि डिस्कॉम विभाग ठीक-ठाक चल रहे पुराने मीटरों को भी जबरन बदल रहा है, जिससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. नेताओं ने चेताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिलों में 2 से 4 गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे खासकर गरीब, मजदूर और किसान वर्ग प्रभावित होगा.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 100 यूनिट तक बिजली माफ कर आमजन को राहत दी थी, जबकि वर्तमान सरकार स्मार्ट मीटर के जरिए उन्हें फिर से संकट में डाल रही है. प्रदर्शनकारियों ने प्रीपेड मीटर प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि रिचार्ज खत्म होते ही किसी भी समय बिजली कट सकती है, जिससे रात में अंधेरे जैसी स्थिति बन सकती है.
अन्य शहरों में पहले से लगे स्मार्ट मीटरों के अनुभव के हवाले से उन्होंने दावा किया कि समान खपत पर भी यूनिट अधिक दर्ज हो रही हैं. माकपा नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनता पर जबरन स्मार्ट मीटर थोप रही है, जबकि पुराने मीटर अभी भी ठीक से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एकतरफा और जनविरोधी फैसला है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तुरंत इस योजना को बंद नहीं किया तो विरोध को और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा. आमजन को भारी-भरकम बिजली बिलों से बचाने के लिए हर संभव आंदोलन किया जाएगा.