श्योपुर में मौत के बाद मुक्ति का संघर्ष, तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करने को मजबूर हो रहे ग्रामीण

Madhya Pradesh: सरकार द्वारा तमाम योजनाएं भले चलाई जा रही हैं, लेकिन श्योपुर जिले के कुछ गांव ऐसे हैं जहां आज भी विकास पहुंचने के लिए भटक रहा है. यहां के लोग इस आस में दरकार लगाए बैठे हैं कि इलाके की तस्वीरें बदलेंगी लेकिन फिलहाल इन बातों को दरकिनार कर एक ऐसी तस्वीर सामने आ रही है जो शर्मसार कर देने वाली है. वीडियो विजयपुर जनपद इलाके का है, जिसमें देखा जा सकता है कि,किसान का देहांत हो जाने के बाद मुक्ति के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. मुक्तिधाम में टीन सेड ना होने के चलते बारिश के बीच तिरपाल लगाकर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि राज्य सरकार हर पंचायत में मुक्तिधाम बनवाने के लिए बजट जारी करती है, इसके बाद भी लोगों को अपनों के अंतिम संस्कार को लिए बारिश में इस तरह की मशक्कत करनी पड़ रही है.

Advertisement

व्यवस्था में सुधार की बातें हवा-हवाई

आपको बता दें कि, जिले का यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं.इससे पहले पार्वती बड़ौदा और इकलोद गांव से सामने आया था, जहां अधिकारियों ने तो व्यवस्था में सुधार किए जाने की बात की थी, लेकिन इन तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि, जिला और जनपद अधिकारियों के साथ इलाके जनप्रतिनिधि जनता के प्रति कितने गंभीर हैं.

तिरपाल लगाकर किया अंतिम संस्कार

घटना विजयपुर के भारखोह की है, यहां शांतिधाम तक जाने के लिए दलदल से गुजरना पड़ता है. इसी बीच शुक्रवार को एक किसान सुनफी जाटव की आकाशीय बिजली गिरने से निधन हो गया, जिसका अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन शनिवार को शान्तिधाम ले जा रहे थे. जहां शांतिधाम में टीन शेड नहीं होने के कारण परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार किया.

ग्रामीणों ने विडियो बनाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को भेजा

भारखोह गांव के ग्रामीणों ने एक वीडियो बनाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को भेजा है.जिसमें ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच और सचिव को इस मामले में दोषी ठहराया है.उनका आरोप है कि सरपंच सचिव से ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर टीनशेड और रास्ते की मांग कई मर्तबा की परंतु पंचायत के सरपंच और सचिव के द्वारा उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया.

 

Advertisements