कटनी में नरवाई जलाई, किसान पर FIR, क्या अब जेल जाएंगे लापरवाह किसान?

कटनी : फसल अवशेष नरवाई जलाने की जिले में छठवीं एफआईआर पुलिस थाना बरही में दर्ज कराई गई है. जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में बरती जा रही सख्ती की वज़ह से पालन न करने वालो के विरूद्ध अलग-अलग पुलिस थानों में भारतीय न्‍याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है. 

इस गांव के किसान पर हुई कार्यवाही

बरही के ग्राम सिजहरा के कोटवार भगवत प्रसाद दहायत द्वारा पंचनामा एवं पटवारी हल्का न.62 सिजहरा का प्रतिवेदन थाना बरही में प्रस्तुत कर खसरा न. 1008 में शेख कासिम पिता शेख मुराद उम्र 60 वर्ष निवासी सिजहरा के द्वारा नरवाई जलाने की जानकारी दी गई.

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साथ ही कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा फसल अवशेष नरवाई संबंधी जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया गया. इस पर बरही पुलिस थाना में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. 

फायर ब्रिगेड से बुझाई नरवाई की आग

हल्का पटवारी सिजहरा द्वारा जानकारी दी गई कि ग्राम सिजहरा स्थित भूमि खसरा न. 1008 रकवा 0.14 हेक्येर भूमि में फसल काटने के बाद शेख कासिम पिता शेख मुराद उम्र 60 वर्ष ने नरवाई में आग लगाई गई. जिससे आस-पास के खेतों में खड़ी फसलों में नुकसान होने की संभावना थी.

एस डी एम विजयराघवगढ महेश मंडलोई और नायब तहसीलदार पी के वर्मा ने सूझबूझ दिखाते हुए नरवाई की आग बुझाने तत्काल मौके पर समय रहते फायर ब्रिग्रेड भेजा जिससे बड़ी अनहोनी को रोका जा सका और त्वरित तौर पर आग पर नियंत्रण किया गया.

अन्यथा नरवाई में आग लगाने की वजह से इस आग की चिंगारियां अन्य खेतों तक भी पहुंच सकती थी नरवाई नहीं जलाने का आग्रह कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने जिले के सभी किसानों से आग्रह किया है कि वे अपने खेतों में खड़े डंठलों, फसल अवशेष नरवाई को न जलायें.

नरवाई जलने से उड़ने वाली चिंगारी से आस-पास के खेत व अन्य तरीकों से अग्नि की दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा खेत में नरवाई जलाने से बड़ी मात्रा में धुआं उत्पन्न होता है. जिससे पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ता है. साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है इसलिए किसान भाई नरवाई न जलायें. 

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