Vayam Bharat

हाईकोर्ट पहुंचा छात्र, लिव इन पार्टनर को शेल्टर होम से छुड़वाने की लगाई गुहार

मुंबई में एक 20 वर्षीय मुस्लिम छात्र ने अपनी हिंदू लड़की को शासकीय महिला केंद्र (शेल्टर होम) से रिहा कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में उसने आरोप लगाया है कि लड़की को जबरन शेल्टर होम में रखा गया है और दोनों को समाज और संगठनों से धमकियां मिल रही हैं. छात्र ने कोर्ट से शादी की अनुमति और सुरक्षा की भी गुहार लगाई है.

Advertisement

याचिकाकर्ता का कहना है कि वह और लड़की पिछले कई महीनों से एक सहमति वाले रिश्ते में हैं और अपनी मर्जी से साथ रह रहे थे. लड़की ने अपने परिवार को छोड़कर याचिकाकर्ता के साथ रहने का निर्णय लिया था. लेकिन, लड़की के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कुछ धार्मिक और राजनीतिक संगठनों, विशेष रूप से बजरंग दल ने हस्तक्षेप किया और दबाव बनाया.

मुस्लिम छात्र बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की

याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस ने लड़की को थाने बुलाया, जहां सामाजिक कार्यकर्ता, परिवार के सदस्य और संगठन मौजूद थे. उन सभी ने लड़की पर दबाव बनाने की कोशिश की. लेकिन लड़की ने स्पष्ट रूप से प्रेमी के साथ रहने और शादी करने की अपनी इच्छा जताई.

इसके बावजूद पुलिस ने लड़की को मुंबई के चेंबूर स्थित सरकारी लड़की केंद्र में भेज दिया. छात्र ने कोर्ट से अपील की है कि पुलिस को निर्देश दिया जाए कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उनकी शादी के लिए सहयोग किया जाए.

हिंदू लड़की के साथ रहने के लिए कोर्ट से लगाई गुहार

याचिका में लड़की का 16 नवंबर का एक हलफनामा भी लगाया गया है, जिसमें उसने कहा है कि वह अपनी मर्जी से याचिकाकर्ता के साथ रह रही है और किसी भी प्रकार के दबाव या जबरदस्ती का आरोप नहीं है.

यह याचिका अधिवक्ताओं अबिद अब्बास सैयद और आसिफ शेख के माध्यम से दायर की गई है. मामले की सुनवाई 3 दिसंबर को न्यायमूर्ति भारती डांगरे और मंजुषा देशपांडे की पीठ के सामने होगी.

Advertisements