रीवा : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में आज छात्रों ने जमकर हंगामा किया. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इंटरनल परीक्षा की तारीख की घोषणा परीक्षा से ठीक एक दिन पहले की, जिससे कई छात्र परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाए.
छात्रों का कहना है कि 50 छात्रों में से सिर्फ 5 छात्रों को पात्र घोषित कर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई, जबकि बाकी 45 छात्रों को शॉर्ट अटेंडेंस का हवाला देकर परीक्षा से वंचित कर दिया गया.
छात्रों ने लगाया फर्जी हाजिरी का आरोप
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने फर्जी हाजिरी लगाकर कई छात्रों को गैरहाजिर दिखा दिया. छात्रों ने बताया कि कंप्यूटर विभाग में नियमित रूप से क्लास नहीं लगाई जाती थी, फिर भी छात्रों को शॉर्ट अटेंडेंस का हवाला देकर अपात्र घोषित कर दिया गया.
छात्र दीपांशु गोस्वामी ने बताया
क्लास में वेब डिजाइनिंग के प्रदीप सर आते ही नहीं थे। अगर कभी आते भी थे तो कहते थे कि घर से ऑनलाइन पढ़ाई कर लो. हमारे पास इस बात की रिकॉर्डिंग भी है. जब हम परीक्षा देने पहुंचे तो हमें बाहर कर दिया गया और कहा गया कि हमारी अटेंडेंस कम है.
देर से शुरू हुई पढ़ाई और फीस को लेकर नाराजगी
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय का सत्र देरी से शुरू हुआ था, जिसकी वजह से कक्षाएं नियमित रूप से नहीं लग सकीं. वहीं परीक्षा शुल्क जमा करने की आखिरी तारीख 10 फरवरी तय की गई थी, लेकिन छात्रों को इसकी जानकारी 12 फरवरी को दी गई. इसके बाद भी लेट फीस के नाम पर छात्रों से अतिरिक्त राशि वसूली गई.
विद्यार्थी परिषद ने किया प्रदर्शन
छात्रों के विरोध प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता भी शामिल हुए. विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पशुपतिनाथ पांडे ने बताया कि छात्रों की समस्याओं को लेकर जब वे विश्वविद्यालय प्रशासन से मिलने पहुंचे, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और मोबाइल छीन लिया गया.
पशुपतिनाथ पांडे ने कहा
यह विश्वविद्यालय शिक्षा के नाम पर सिर्फ पैसे कमाने का माध्यम बन चुका है. यहां पढ़ाई के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. 150 छात्रों के लिए केवल 5 कंप्यूटर हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
पुलिस ने कराया मामला शांत
विश्वविद्यालय परिसर में बढ़ते हंगामे को देखते हुए मौके पर पुलिस भी पहुंच गई. पुलिस ने छात्रों और प्रबंधन के बीच मामला शांत कराने की कोशिश की. हालांकि छात्रों का प्रदर्शन जारी है और वे परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं.
छात्रों की मांग
फर्जी हाजिरी के मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए. सभी छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए. नियमित कक्षाएं संचालित की जाएं. फीस वसूली में पारदर्शिता लाई जाए. फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. वहीं छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं.