छात्र ध्यान दें! बाढ़ से UP के 26 जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद, जानें कहां कितने दिनों की रहेगी छुट्टी

देशभर में कई हिस्सों में एक बार फिर मानसून काफी एक्टिव हो गया. तेज बारिश और बाढ़ के चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अब प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों और कॉलेज को बंद करने का आदेश जारी किया है. जिला प्रशासन ने सख्ती से स्कूलों को आदेश का पालन करने के लिए कहा है. इस आदेश का असर प्रयागराज, सीतापुर, अलीगढ़, जालौन और लखीमपुर खीरी सहित कई जिलोंमें देखने को मिलेगा.

बीते कई दिनों से प्रयागराज, सीतापुर, जालौन, अलीगढ़, कानपुर, और लखीमपुर खीरी सहति कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रहा है. आने वाले दिनों के लिए भी मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए बारिश भारी का अलर्ट जारी किया है. प्रयागराज का आलम तो यह है कि यहां गंगा का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है. मोहल्लों में कई फीट तक पानी भर गया. इसी को देखते ही जिला प्रशासन ने यहां 5 से 7 अगस्त तक सभी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है.

यह आदेश प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं क्लास तक के सभी स्कूलों पर लागू रहेगा. जालौन और लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन ने भी 5 और 6 अगस्त को प्री-प्राइमरी से 8वीं क्लास तक के स्कूलों की छुट्टियां घोषित की हैं. यह आदेश सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त के साथ-साथ सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए भी मान्य रहेगा. अलीगढ़, सीतापुर और कानपुर में भी भारी बारिश को देखते हुए स्कूलों का 5 अगस्त के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है.

सीतापुर और अलीगढ़ में भी स्कूल बंद

सीतापुर में क्लास 1 से लेकर 8वीं तक तो, वहीं अलीगढ़ और कानपुर में नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल एक दिन के लिए बंद रहेंगे. भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति देखते हुए वाराणसी में 12वीं तक के सभी स्कूल 5 और 6 अगस्त बंद करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा सिद्धार्थनगर, लखनऊ, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, मिर्जापुर, संभल, बाराबंकी, भदोही, बरेली, मुरादाबाद, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, बांदा, चित्रकूट, एटा, रामपुर, बदायूं, बहराइच और अमरोहा में स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है.

बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव, कीचड़ और सड़कें खराब के कारण छात्रों को स्कूल पहुंचने में बहुत ज्यादा समस्याएं हो रही थी. साथ ही उनकी सुरक्षा को भी खतरा बना हुआ था. इसी को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया

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