मध्य प्रदेश के इंदौर में 78 दिन से बी-फार्मा की लापता छात्रा मामले में खौफनाक खुलासा हुआ है. छात्रा को उसके सीनियर साथी ने अपनी माशूका के साथ मिलकर हत्या कर दी थी. पुलिस को छात्रा का शव तो नहीं मिला, लेकिन आरोपियों की निशानदेही पर उसकी हड्डियां, सिर के बाल और ब्रेसलेट बरामद हुआ है. इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है. गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने तब फुर्ती दिखाई जब कोर्ट में मामला पहुंचा.
इंदौर के शिप्रा थाना क्षेत्र के एक्रोपोलिस कॉलेज से बी फार्मा फर्स्ट ईयर की छात्रा अचानक से लापता हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली. लंबे समय तक पुलिस छात्रा का पता न लगा सकी तो पीड़ित पिता हाईकोर्ट पहुंच गया. पीड़ित की हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर पुलिस हरकत में आई और आरोपियों को पकड़ा. उनसे सख्ती से पूछताछ की तो मामला हत्या का निकला. पुलिस ने हत्याकांड की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पिता ने कराया था बेटी की गुमशुदगी का मामला दर्ज
पिछले दिनों शिप्रा थाने पर साबिर अली जुम्मन ने अपनी बेटी सैयद सहरा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पीड़ित ने प्रकरण दर्ज करवाते हुए यह जानकारी दी थी कि उसकी बेटी सहरा एक्रोपोलिस कॉलेज से बी फार्मा फर्स्ट ईयर की छात्रा है. वह सुबह 11:30 बजे अपने कॉलेज से ऑफ लेकर निकली और थोड़ी देर बाद ही उसका फोन बंद हो गया. मामला दर्ज कर शिप्रा पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू की.
पुलिस ने की जांच, आरोपी लिया हिरासत में
पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इस बीच पुलिस ने कई तरह के साक्ष्य इकट्ठा किए. पुलिस ने सहरा के दोस्तों से भी पूछताछ की. जांच पड़ताल के दौरान शिप्रा पुलिस को यह जानकारी लगी कि सहरा अपने दोस्त गौरव सरकार के साथ गाड़ी में जाती हुई दिखी. पुलिस ने गौरव से पूछताछ शुरू की तो वह शुरुआत में गुमराह करता रहा. पुलिस की सख्ती के बाद उसने अपनी एक महिला मित्र सिद्धा मिश्रा के साथ इस हत्याकांड की घटना को अंजाम देना कुबूल किया.
हत्या करने के बाद बन गया था वेटर
पुलिस खुलासे के मुताबिक, आरोपी गौरव हत्याकांड की घटना को अंजाम देकर भाग गया था. इस दौरान वह उज्जैन, छिंदवाड़ा, कोलकाता, मुंबई, गोवा में फरारी काट रहा था. पुलिस ने नासिक के पास एक ढाबे से आरोपी गौरव को गिरफ्तार कर लिया. गौरव ने नासिक के एक होटल में वेटर की नौकरी शुरू कर दी थी. उसने अपनी पहचान भी छुपा ली थी. पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर आरोपी गौरव को पकड़ लिया. उससे पूछताछ की गई तो उसने प्रारंभिक तौर पर अपराध करना स्वीकार नहीं किया.
अपनी माशूका के साथ बनाया हत्या का प्लान
जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह और सहरा एक साथ एक्रोपोलिस कॉलेज में एक ही कक्षा में पढ़ते थे. इस दौरान वह दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे. पुलिस के मुताबिक, घटना वाले दिन सहरा परिजनों को कॉलेज जाने को बोलकर निकली थी. घटना वाले दिन कॉलेज की छुट्टी थी और इसके बाद जब वह अचानक गायब हो गई. परिजनों ने सहरा के बारे में गौरव से पूछताछ की जिस पर वह गुस्सा हो गया. उसने अपनी दोस्त सिद्धा मिश्रा को बोला कि सहरा बुरी लड़की है उसे मारना जरूरी हो गया है. सिद्धा ने उसका साथ देने में सहमति जताई, जिसके बाद गौरव और सिद्धा ने सहरा को मारने की योजना बनाई.
कार में गला दबाकर की हत्या
इस दौरान गौरव और सिद्धा ओंकारेश्वर भी गए. वहां ऊंचाई से सहरा को फेंकने का प्लान बनाया, लेकिन वहां उन्हें मौका नही मिला. इसके बाद दोनों सहरा को लेकर विभिन्न जगहों पर गए. बाद में वह सहरा को लेकर चोराल के जंगल में गए. इस दौरान निराकार सत्संग भवन हरसोला फाटक के पर उसने सहरा का कार में ही गला दबा दिया. कार में ही बैठी सिद्धा ने सहरा के हाथ पैर पकड़ लिए और योजना बंध तरीके से दोनों ने उसकी हत्या कर दी. वह सहरा की लाश को झाड़ियों में ठिकाने लगा दिया. उसके बाद दोनों वहां से अलग-अलग जगह पर भाग गए. फिलहाल पूरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले गौरव और सिद्धा मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.