MBBS Admission 2024: डॉक्टर बनने की चाह में छात्र ‘धर्म बदलने’ और दोहरी जन्मभूमि (डुअल नेटिविटी) जैसे गैर-कानूनी तरीके अपना रहे हैं. पुडुचेरी में एक छात्र का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने छात्र को कॉलेज से निकालने का निर्देश दिया है. छात्र ने डोमिसाइल नियमों का उल्लघंन करते हुए जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रजुएशन मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च (JIPMER) में MBBS में एडमिशन लिया था.
छात्र ने दो राज्यों में जन्मभूमि (डुअल नेटिविटी) होने का दावा करके और जिपमेर पुडुचेरी इंटरनल कोटा के तहत सीट हासिल करके शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए एमबीबीएस में एडमिशन लिया था. जिपमर डीन को भेजे गए एक लेटर में डायरेक्टर (स्वास्थ्य) सह नोडल अधिकारी (मेडिकल एजुकेशन) डॉ. एस सेवेल ने कहा कि डी गुरु प्रसाद नाम के एक छात्र ने जिपमर काउंसलिंग राउंड-3 और तमिलनाडु में राउंड 1 और 2 काउंसलिंग दोनों में सरकारी सीट में दावा किया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पुडुचेरी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय ने एमसीसी द्वारा जारी नीट यूजी काउंसलिंग सीट अलॉटमेंट 2024 राउंड-3 को तमिलनाडु की राज्य सरकार की कोटा लिस्ट को वेरिफाई किया. जांच में पाया गया कि डी गुरु प्रसाद को तीसरे राउंड में जिपमेर-पुडुचेरी आंतरिक कोटा और तमिलनाडु सरकार के कोटे के तहत पहले और दूसरे राउंड में सीट अलॉट हुई थी.
नोडल अधिकारी (मेडिकल एजुकेशन) डॉ. एस सेवेल ने कहा, ‘ऐसे में थिरु डी प्रसाद को जिपमर पुडुचेरी व कराइकल में इंटरनल पुडुचेरी यूटी डोमिसाइल कोटे के तहत एमबीबीएस सीट पर मिला एडमिशन रद्द/रोका किया जाता है.’ छात्र को पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश दिया गया है.
फर्जी डोमिसाइल के चलते रद्द हुई थी छात्रों की सीट
एमबीबीएस सीट पाने के लिए छात्र फर्जी डोमिसाइल और ‘धर्म परिवर्तन’ का भी सहारा ले रहे हैं. पहले भी पुडुचेरी में तमिलनाडु और केरल के कई स्टूडेंट्स ने एमबीबीएस सीट पाने के लिए फर्जी डोमिसाइल का यूज किया था. पकड़े जाने पर छात्रों की सीट रद्द कर दी गई थी.
MBBS सीट पाने के लिए बनाया फर्जी धर्म प्रमाण पत्र
वहीं उत्तर प्रदेश, मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में अल्पसंख्यक कोटे से MBBS सीट पाने के लिए 17 छात्रों ने फर्जी तरीके से दूसरे धर्म का प्रमाण पत्र पेश किया था. जांच के बाद एमबीबीएस में एडमिश पाने वाले 8 छात्रों का एडमिशन रद्द कर दिया है, जबकि 9 छात्र अपनी सीट छोड़कर भाग गए. मेडिकल कॉलेज बौद्ध अल्पसंख्यक संस्थान के अंतर्गत आता है. पहले चरण की काउंसलिंग में 22 सीटें अल्पसंख्यक कोटे के तहत थीं. 17 छात्रों ने बौद्ध धर्म का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर एमबीबीएस सीट हासिल की थी. शिकायत मिलने पर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने फर्जी प्रमाण पत्रों की शिकायत मिलने पर जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद यह खुलासा हुआ. इस घटना के बाद, यूपी के सभी अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई थी.