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परीक्षा बिना टेंशन, जीवाजी विश्विद्यालय में फेल नहीं होंगे छात्र, लागू हुआ गजब प्लान

ग्वालियर: जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों को अब नई शिक्षा नीति का लाभ मिलेगा, जिसके तहत अब छात्रों को दो नहीं बल्कि 4 बार सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका मिलेगा. ये व्यवस्था इस सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए लागू होगी यानी 2024-25 में जिन छात्रों ने यूजी कोर्सेस के लिए कॉलेजों में एडमिशन लिया है, उन्हें पढ़ाई पूरी करने के लिए अब 6 नहीं बल्कि 7 वर्ष का समय मिल सकेगा.

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3 साल पहले यूजी कोर्सेस में लागू हुई थी नई शिक्षा नीति

ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में वैसे तो नई शिक्षा नीति 3 साल पहले 2021 के सत्र से ही बीए, बीएससी, बीकॉम, बीबीए और बीसीए डिग्री कोर्सेस के लिए लागू हो चुकी है. तब नई नीति के अनुसार किसी छात्र को सप्लीमेंट्री परीक्षा के लिए दो बार मौके दिए जाते थे, लेकिन इस सत्र से 4 बार सप्लीमेंट्री परीक्षा का मौका दिया जाएगा. जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन के इस फैसले का असर सीधे तौर पर विश्व विद्यालय में अध्ययनरत और संबंधित कॉलेजों में पढ़ रहे फर्स्ट ईयर के करीब 70 हजार छात्र-छात्राओं को होगा. जिनमें सबसे करीब अधिक 20 हजार छात्र बीकॉम से हैं.

जून में रिजल्ट और सप्लीमेंट्री परीक्षा सितंबर में होगी

वहीं इस साल बीए में लगभग 18500 छात्रों ने प्रवेश लिया है. तीसरे स्थान पर 17 हजार छात्र बीएससी में प्रवेश लेने वाले हैं. साथ ही बीबीए में इस वर्ष करीब 3 हजार छात्रों ने एडमिशन लिया है और बीसीए के भी लगभग 1500 छात्रों को नई व्यवस्था का फायदा मिलेगा. जीवाजी विश्वविद्यालय ज्यादातर परीक्षाओं के समय और रिजल्ट की लेटलतीफी को लेकर भी चर्चा में रहता है, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत इसका असर परीक्षा और परिणामों पर भी दिखाई देगा. जीवाजी यूनिवर्सिटी के पीआरओ विमलेंद्र राठौर के अनुसार, ” अब नई व्यवस्था के तहत 2024-25 सत्र के पहले वर्ष की परीक्षाएं आने वाले अप्रैल-मई 2025 में आयोजित होंगी. वहीं परिणाम जून आखिर में घोषित कर दिए जाएंगे. ऐसे में जिन छात्रों को परीक्षा के किसी विषय में सफलता नहीं मिली होगी, उन्हें सितंबर 2025 में सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका मिलेगा.”

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