सफलता की कहानी: जशपुर की रिंकी यादव अपनी मेहनत और हुनर से बनी कामयाब

जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड के ग्राम टाटीडांड की रहने वाली रिंकी यादव ने अपने आत्मविश्वास, मेहनत और हुनर से न सिर्फ अपने परिवार को संबल दे रही हैं, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन चुकी हैं. वे पिछले 6 वर्षों से ‘बिहान’ योजना के अंतर्गत राखी स्व-सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं और समूह के माध्यम से उन्होंने पारंपरिक छिंद कांसे की टोकरियां बनाकर अपनी आजीविका का नया मार्ग प्रशस्त किया है.

रिंकी यादव ने वर्ष 2019 से छीद कांसा की टोकरी बनाने का कार्य शुरू किया. पहले यह कार्य केवल घरेलू उपयोग तक सीमित था, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद उन्हें इसे आय का स्रोत बनाने का अवसर मिला. उन्होंने बताया कि समूह के माध्यम से उन्हें हर वर्ष लगभग एक लाख रुपये की आय होती है. इसके अतिरिक्त वे व्यक्तिगत स्तर पर भी छिंद कांसे की टोकरियां बनाकर 20 से 30 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई कर लेती हैं.

यह आय उनके परिवार के भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा और घर की जरूरतों को पूरा करने में सहायक बनती है. सबसे खास बात यह है कि आज वे अपने सपनों का पक्का घर भी बना रही हैं, जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. यह सब कुछ उनके निरंतर परिश्रम और समूह की सहायता से ही संभव हो पाया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया है.

रिंकी यादव ने बताया कि स्व-सहायता समूह में जुड़ने के बाद उन्हें न सिर्फ रोजगार मिला, बल्कि शासन की विभिन्न योजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त हुई. इसने न सिर्फ उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और सामाजिक सहभागिता की भावना भी मजबूत की.

वे कहती हैं –

बिहान योजना से जुड़ने के बाद मेरे जीवन की दिशा ही बदल गई. आज मैं खुद को आत्मनिर्भर महसूस करती हूं और अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने का सपना भी साकार होते देख रही हूं. शासन की योजनाओं ने मुझे हौसला और सम्मान दिया है.

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