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युवाओं में अचानक होने वाली मौतों का कोविड टीकों से संबंध नहीं, जेपी नड्डा ने संसद को बताया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार 10 दिसंबर को राज्यसभा में बताया कि कोविड टीकाकरण से देश में युवाओं में अचानक से मौत का जोखिम नहीं बढ़ा है. उन्होंने कहा कि युवाओं की मौतों का कोविड टीकों से कोई संबंध नहीं है. मंत्री भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की स्टडी का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि ICMR की एक स्टडी ने निर्णायक रूप से इसे प्रमाणित किया है. उन्होंने कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि टीकाकरण वास्तव में ऐसी मौतों की संभावना को कम करता है.

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मंत्री ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण और युवा वयस्कों में अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है बल्कि इसके उलट इसकी आशंका कम हुई है. मंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने जानकारी दी है कि पिछले साल मई-अगस्त के महीनों के दौरान देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक स्टडी की गई. उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण में अचानक मौत होने के कुल 729 मामले और 2916 कंट्रोल शामिल किए गए.

स्टडी में 18-45 आयु वर्ग को शामिल किया गया

ICMR की स्टडी में 19 राज्यों में 18-45 आयु वर्ग को शामिल किया गया था. जिससे पता चला कि कोविड-19 टीके की किसी भी खुराक लेने से अस्पष्टीकृत आकस्मिक मौत की आशंका कम हो गई. टीके की दोनों खुराक लेने से ऐसी मौत की संभावना काफी हुई हुई है. स्टडी के मुताबिक कोविड के दौरान अस्पताल में भर्ती होना, जीवनशैली जैसे कारण मृत्यु के जोखिम को बढ़ाते हैं. स्टडी में पता चला है कि टीकाकरण वास्तव में ऐसी मौतों की संभावना को कम करता है.

असामयिक मौतों का कोविड टीकों से संबंध नहीं

रिपोर्ट में उन आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की गई है कि कुछ युवा वयस्कों की असामयिक मौतें कोविड टीकों से संबंधित थीं. आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा आयोजित ये अध्ययन 18-45 साल की उम्र के व्यक्तियों पर केंद्रित थी, जो स्पष्ट रूप से स्वस्थ थे और कोई ज्ञात co-morbidity नहीं थी, जिनकी 1 अक्टूबर, 2021 और 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई.

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