RBI ने कहा कि सरकार 40 हजार करोड़ रुपये की सिक्योरिटी वापस खरीदने जा रही है. यानी 40 हजार करोड़ रुपये का बायबैक करेगी. RBI ने आगे कहा कि बायबैक के लिए पेश की गई सिक्योरिटीज 6.18 फीसदी GS 2024, 9.15 फीसदी GS 2024 और 6.89 फीसदी GS 2025 है, जिसकी मैच्योरिटी 4 नवंबर, 14 नवंबर और 16 जनवरी को पूरा होगी.
इसमें कहा गया है कि 40,000 करोड़ रुपये की कुल सीमा के भीतर इंडव्यूजुअल सिक्योरिटी के लिए कोई नोटिफाइड अमाउंट नहीं है. सिक्योरिटीज के लिए नीलामी कई प्राइस मेथर्ड का उपयोग करके आयोजित की जाएगी.
नीलामी भारतीय रिजर्व बैंक कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (ई-कुबेर) सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में 9 मई 2024 को सुबह 10:30 से 11:30 बजे के बीच पेश करेगा. ऑक्शन का रिजल्ट उसी दिन ऐलान कर दिया जाएगा और निपटान 10 मई को किया जाएगा.
इस कदम के साथ केंद्र अपने बांड की वास्तविक परिपक्वता की तारीखों से पहले बकाया लोन का एक हिस्सा चुकाने का विकल्प चुन रहा है. बायबैक से बैंकिंग प्रणाली में तरलता जारी होती है. 2 मई को तरलता 78,481 करोड़ रुपये की कमी में है.
क्वांटईको रिसर्च के अर्थशास्त्री विवेक कुमार ने कहा कि सिक्योरिटीज के विकल्प से पता चलता है कि यह बायबैक सरकार द्वारा तरलता पुनर्वितरण अभ्यास है क्योंकि उनके पास अपने अल्पकालिक फंडों पर स्पष्ट दृश्यता है. कुमार ने कहा कि कोई इसे मैनेजमेंट प्रैक्टिस के तौर पर भी समझ सकता है. हालांकि आरबीआई के पास डायरेक्ट और इनडायरेक्ट क्षमता वाले ऑप्शनल विकल्प हैं.
CSB बैंक में ट्रेजरी के समूह प्रमुख आलोक सिंह ने कहा कि कैश की तंगी है और नई सरकार के कार्यभार संभालने से पहले सरकारी खर्च बढ़ने की संभावना नहीं है. इससे कम समय में ज्यादा मुनाफा होगा. केंद्रीय बैंक को मई में सरकार को सालाना डिविडेंड का भुगतान भी करना है, जिससे सरकार की कैश कंडीशन में और सुधार होगा.