सुल्तानपुर : जिले के इस हादसे में एक बाप के बेटी के लिए देखे सपने पूरी तरह बिखर गए. जब मजदूरी करने दौरान दीवार के नीचे दबने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई. जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के विझुरी गांव निवासी माता प्रसाद (45), जो परिवार का पेट पालने के लिए सऊदी अरब में मजदूरी कर रहा था, दीवार के नीचे दबने से दर्दनाक मौत का शिकार हो गया. 3 साल बाद घर लौटकर बेटी के हाथ पीले करने की योजना अधूरी रह गई. 16 नवंबर को हुए इस हादसे के बाद शव को पैतृक गांव पहुंचाने में पूरे एक माह लग गया. परिवार को शव भारत लाने के लिए तीन लाख रुपए खर्च करने पड़े.
घर में थे बेहतर हालात
माता प्रसाद के विदेश जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही थी. पत्नी निर्मला बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ छोटी बेटी के दहेज के लिए पैसे जोड़ रही थी. बेटा अभिषेक इंटर की पढ़ाई कर रहा है, और बेटी शिल्पा बीए सेकेंड ईयर में है. लेकिन नियति के क्रूर खेल ने परिवार का सहारा छीन लिया. माता प्रसाद का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही परिवार का हर सपना अधूरा रह गया.
मौत से एक दिन पहले हुई थी बात
15 नवंबर को माता प्रसाद ने अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी. परिवार के हालचाल जानने के बाद उसने अगले महीने घर आने का वादा किया. लेकिन अगले ही दिन, दीवार गिरने से उसकी मौत हो गई.
कानूनी झंझट और खर्च ने तोड़ी कमर
शव को भारत लाने में कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा. सऊदी अरब में दोस्तों ने आवश्यक कागजात तैयार करवाए. इस प्रक्रिया में बेटी की शादी के लिए जमा किए तीन लाख रुपए खर्च हो गए. परिवार को सरकार से कोई मदद नहीं मिली. जब 17 दिसंबर को लखनऊ एयरपोर्ट से शव गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया. देर शाम माता प्रसाद का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
बिना मदद के गरीब परिवार टूटा
सरकार से मदद न मिलने और बेटी की शादी के पैसे खर्च हो जाने से परिवार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ गया है. ग्रामीणों ने सरकार से पीड़ित परिवार की मदद की अपील की है. माता प्रसाद की मौत ने मजदूरों की सुरक्षा और सरकार की सहायता प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं.