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सुल्तानपुर: सेना भर्ती में पहली बार धर्म प्रमाण पत्र लाने का फरमान, जानिए पूरा मामला

सुल्तानपुर: सेना में भर्ती के लिए अजीबो-गरीब फरमान पहली बार जारी कर दिया गया. युवाओं से डाक्यूमेंट के साथ धर्म प्रमाण पत्र मांग लिया गया. सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील में अधिकारियों ने बिना समझे बुझे पहले कुछेक युवाओं का धर्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया, बाद में उसे निरस्त कर दिया. जिसके बाद युवा बरोजगारो ने तहसील में हंगामा काटा.

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तहसील में आए युवाओं ने बताया कि, सेना ने युवा बेरोजगारों के भर्ती निकाली है. जो 20, 21 नवम्बर को सागर, पिथौरागढ़, दानापुर में टेरिटोरियल आर्मी ज़ोन-2 में होनी है. जिसमें भर्ती बोर्ड की तरफ से रिलिजियस सर्टिफिकेट (धर्म प्रमाण पत्र) अनिवार्य किया गया है. पहली बार भर्ती में शामिल होने वाले युवाओं के लिए धर्म प्रमाण पत्र अनिवार्य किया गया है. धर्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सुबह से सैकडों युवा तहसील में डटे रहे. यहां कुछ युवाओं के जारी प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया, और अन्य का जारी नहीं हुआ तो युवाओ ने हंगामा काटा.

युवाओं ने कहा कि उनकी उम्मीदें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि, या तो तहसील में धर्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को तुरंत शुरू करवाया जाए या फिर इस बाध्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए ताकि, उनकी आर्मी भर्ती में कोई बाधा ना आए, तहसीलदार के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हुआ, तहसीलदार अरविंद तिवारी ने बताया कि त्रुटिवश पूर्व में कुछ प्रणाम पत्र जारी हो गए थे. जिसके निरस्त की नोटिस नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी गई है.

इस बाबत एसडीएम गामिनी सिंगला ने कहा कि, प्रमाणपत्र तहसील से जारी नहीं होगा, इसका कोई आदेश नहीं है. वहीं तहसीलदार अरविंद तिवारी का कहना है कि, धर्म प्रमाण पत्र की जगह जाति प्रमाण पत्र हमारे यहां बनेगा. उसी पर धर्म का उल्लेख किया जा रहा है.

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