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सुल्तानपुर: खेलते-खेलते ले ली चाबी, कार में बंद हुआ मासूम… दम घुटने से गई जान

सुल्तानपुर: जिले में कार के अंदर दम घुटने से साढ़े तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. बच्चा खेलते समय घर से चाबी लेकर बाहर निकला आया. चाबी लगाकर गेट खोला और अंदर बैठ गया. गाड़ी का दरवाजा अंदर से लॉक हो गया. कुछ देर में बच्चे का दम घुटने लगा. बच्चा रोता रहा पर किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी. कुछ देर बाद जब परिजन बच्चे को तलाश करते हुए बाहर आए तो कार में बच्चा बेसुध दिखा. उसे बाहर निकाल कर अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

परिजनों ने बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं कराया. मामला अखंडनगर थाना क्षेत्र का है. अमेठी के पीपरपुर थाना क्षेत्र के रामगंज खरगीपुर निवासी आलोक कुमार तिवारी सुल्तानपुर अखंडनगर सीएचसी में काम करते हैं. वे परिवार के साथ सीएचसी परिसर में ही सरकारी आवास में रहते हैं. उनकी पत्नी दामिनी तिवारी अखंडनगर में 102 एम्बुलेंस पर एमटी हैं. आलोक तिवारी का साढ़े 3 साल बेटा आर्थव तिवारी घर में खेल रहा था. मां से जिद कर अर्टिगा कार की चाबी ले ली. खेलते-खेलते घर से करीब 200 मीटर दूर गांधी आश्रम के पास पहुंच गया.

आश्रम के पीछे खड़ी अपने पापा की गाड़ी का दरवाजा खोलकर अंदर बैठ गया. कार का शीशा बन्द था. दरवाजा भी अंदर से लॉक हो गया. मां दामिनी तिवारी बच्चे को घर में न पाकर उसे तलाशने लगीं, लेकिन पता नहीं चला. उस समय आलोक 102 एम्बुलेंस को लेकर मरीज लेने गए हुए थे. उन्होंने पति को सूचना दी. शाम जब आलोक लौटे और अपनी कार के पास गए तो अंदर का मंजर देखकर दंग रह गए. बेटा आर्थव कार में बेसुध पड़ा था. उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया. यहां अधीक्षक डॉक्टर सतेन्द्र सिंह, डॉ. विष्णु स्वरूप यादव, डॉ. सुधीर कुमार बरनवाल ने बच्चे को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं जा सके.

सूचना पर थाना प्रभारी दीपक कुशवाहा निरीक्षक भी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे. परिजनों ने किसी भी कार्रवाई से मना किया. शव लेकर गांव रवाना हो गए. बच्चे की मौत की बात सुनकर सभी स्तब्ध रह गए. डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने बताया- घर वाले बच्चे को लेकर सीएचसी पहुंचे. मां खुद बच्चे को सीपीआर दे रही थी. बच्चा ब्रॉड डेड हालत में गया था, एक घंटे तक उसे सीपीआर दिया गया. ऐसा लग रहा है कि गाड़ी में बंद रहने से उसे ऑक्सीजन नहीं मिली. हीट स्ट्रोक हुआ. इसी कारण से उसकी मौत हो गई, गाड़ी धूप में खड़ी थी.

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