sunil gavaskar, border-gavaskar trophy ceremony: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने अपने घर में खेली गई 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को 3-1 से करारी शिकस्त दी है. इसी के साथ कंगारू टीम ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है. मगर इसी दौरान एक ऐसा भी वाकया हुआ, जिसको लेकर लीजेंड सुनील गावस्कर आगबबूला हो गए हैं. बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1996-97 से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली जा रही है.
दरअसल, सीरीज का पांचवां यानी आखिरी टेस्ट सिडनी में खेला गया, जिसके तीसरे दिन (5 जनवरी) ही ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज अपने नाम कर ली. इसके बाद विजेता कप्तान को ट्रॉफी सौंपने के लिए प्रेजेंटेशन सेरेमनी होती है, जिसमें गावस्कर को नहीं बुलाया गया.
मैदान पर होते हुए गावस्कर को नजरअंदाज किया
इस ट्रॉफी का नाम सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एलन बॉर्डर के नाम पर रखा गया है. सेरेमनी के दौरान बॉर्डर को बुलाया गया और उन्होंने ही यह ट्रॉफी विजेता कप्तान पैट कमिंस को सौंपी. इस दौरान गावस्कर मैदान पर ही मौजूद थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया. इस पर गावस्कर नाराज दिखे और उन्होंने कहा कि वो एक भारतीय हैं इसलिए उनके साथ ऐसा किया गया.
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गावस्कर ने कहा कि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी. उन्हें भी प्रेजेंटेशन सेरेमनी में जाकर खुशी मिलती. गावस्कर ने कोड स्पोर्ट्स से कहा, ‘मुझे प्रेजेंटेशन सेरेमनी में जाकर खुशी होती. आखिरकार यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है और ऑस्ट्रेलिया और भारत से जुड़ी है.’
लीजेंड गावस्कर बोले, ‘मैं मैदान पर ही था. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी. उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीते. ठीक है. सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं (प्रेजेंटेशन सेरेमनी में नहीं बुलाया). अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देकर मुझे खुशी होती.’