सुपौल : एनएच 327-एडी के निर्माण के लिए जिन लोगों के भूमि का अधिग्रहण किया गया है. उन्हें बिना मुआवजा दिए उनके घर पर बुलडोजर चला दिया गया. जिससे रैयत जहां बेघर हो गए वहीं मुआवजे को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं. रैयतों का कहना है कि उनके नाम जमाबंदी चल रही है. जो जमाबंदी भी सरकारी मुलाजिमों द्वारा ही कायम की गई है और उधर सरकारी मुलाजिम अब उस जमीन को गैरमजरुआ खास बता रहे हैं. और रैयत मुआवजे से वंचित किए जा रहे हैं.
यह मामला प्रखंड क्षेत्र के गणपतगंज बाजार स्थित संजय नगर वार्ड नंबर 4 का है. जहां एनएच 327-एडी (सरायगढ़, लालगंज, गणपतगंज) परियोजना हेतु अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भुगतान किये बिना करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों का घर उजाड़ दिया गया है. इससे परेशान होकर रैयतों ने डीएम सहित अन्य अधिकारियों को संयुक्त आवेदन देकर मुआवजा राशि का भुगतान करने एवं कार्य रोकने की गुहार लगाई है.
आवेदनकर्ता बिरजू कुमार यादव, सुशीला देवी, उमेश चंद्र रमन, भूषण यादव, पुरुषोत्तम कुमार, मनोज साह, सुनील कुमार आदि ने बताया कि जमीन के अधिग्रहण संबंधित नोटिस पाने के बाद संबंधित रैयतों ने जमीन संबंधित सभी कागजात जिला भू-अर्जन कार्यालय को सुपुर्द किया था. बावजूद सरकारी कर्मी व अधिकारी द्वारा न तो अधिग्रहित किये जमीन का मुआवजा दिया बल्कि बने आशियाना पर अचानक बुलडोजर चलाकर उनके घर को जमींदोज कर दिया है.
पीड़ित जमीन मालिक ने कहा कि मामले को लेकर जब वे अंचल कार्यालय या जिला भू अर्जन पदाधिकारी कार्यालय जाते हैं तो उनके जमीन को गैरमजरुआ खास बताकर बात को ख़ारिज कर दिया जाता है. कहा कि उन्हें ये जमीन केवाला रजिस्ट्री द्वारा प्राप्त है. जिसकी जमाबंदी उनके नाम से चल रही है, स्वयं अंचलाधिकारी द्वारा रैयत के नाम भेजे नोटिस में भी लिखा है कि उक्त जमीन जो एनएच 327-एडी के लिए अधिग्रहण किया गया है जिसकी जमाबंदी आपके नाम से चलती है. उक्त जमीन को एनएच के लिए अधिगृहीत किया गया है तो वही अधिकारी अब क्यों गैरमजरुआ खास की बात कह रहे हैं.