सुपौल: जिले में नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) संतोष कुमार दुबे की अदालत ने मुख्य आरोपी अजय कुमार को दोषी ठहराते हुए शुक्रवार को सजा सुनाई। आरोपी को कुल 21 वर्षों की कठोर सजा के साथ अर्थदंड भी लगाया गया है। यह मामला निर्मली थाना कांड संख्या 226/2023 व पॉक्सो वाद संख्या 101/2023 से जुड़ा है।
घटना के अनुसार, 1 अगस्त 2023 की सुबह पीड़िता शौच के लिए निकली थी, तभी आरोपी अजय कुमार उसे हथियार के बल पर धमकाकर अपने घर ले गया। वहां उसे एक कमरे में बंद कर कई दिनों तक दुष्कर्म करता रहा। 19 अगस्त को पीड़िता किसी तरह वहां से भागने में सफल रही और स्वजनों को पूरी घटना बताई। इसके बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
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मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में कुल 15 गवाहों की गवाही कराई गई, जिन्होंने घटना और प्राथमिकी की पुष्टि की। कोर्ट ने 21 जून को अजय कुमार को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने धारा 376 (IPC), पॉक्सो की धारा 4 व 6 के तहत 21-21 वर्ष की कठोर कारावास और प्रत्येक आरोप में ₹50,000 का अर्थदंड दिया। अर्थदंड अदा न करने पर 6-6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास मिलेगी। धारा 366 (IPC) के तहत 5 वर्ष की कारावास और ₹10,000 का अर्थदंड दिया। अर्थदंड न देने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास मिलेगी।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और आरोपी द्वारा पूर्व में जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा।इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी ने पक्ष रखा, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर एवं विद्याकर मंडल ने बहस की।