सुपौल : गांजा तस्करी के एक मामले में सुनवाई उपरांत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सुनील कुमार तृतीय की कोर्ट ने तीन नेपाली नागरिक को दोषी करार करते हुए सभी को दो-दो वर्ष सश्रम कारावास व 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है.
मामला निर्मली थाना कांड संख्या 91/.2024 तथा जनित एनडीपीएस वाद संख्या 47./2024 से संबंधित है. इसमें निर्मली थाना पुलिस ने तीन नेपाली नागरिक को करीब 3 किलो ग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया था. मामले को लेकर निर्मली थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार ने उक्त मामला दर्ज किया था.
दर्ज मामले में कहा था कि 2 जून 2024 को गुप्त सूचना के आधार पर उनके नेतृत्व में छापामारी दल का गठन किया गया जिस दल में अंचलाधिकारी निर्मली बतौर दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त थे. संध्या करीब 6 बजे जब वे लोग हरिसाह कालेज के पूर्वी प्रवेश द्वार के पास पहुंचे तो एक ही मोटरसाइकिल पर सवार तीन व्यक्ति को आते देखा.
पुलिस को देखते ही तीनों भागने लगे. जिसे अन्य सहयोगियों के सहयोग से पकड़ कर जब पूछताछ की गई तो इनमें से एक ने अपना नाम जगाय मंडल, दूसरा रामनारायण मंडल दोनों नेपाल के सप्तरी जिला के राजविराज थाना स्थित दमावती तथा तीसरा व्यक्ति नेपाल के ही हनुमान नगर थाना के टोपा निवासी रामानंद कुमार मंडल बताया.
तलाशी के दौरान मोटरसाइकिल में रखा 3 किलो 930 ग्राम गांजा बरामद किया गया.सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने जगाय मंडल, रामनारायण मंडल तथा रामानंद मंडल को दोषी करार करते हुए धारा 20 (बी)(ii)(बी) एनडीपीएस के तहत दोषी करार करते हुए दो-दो वर्ष सश्रम कारावास व बीस-बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर तीनों को अतिरिक्त 3 माह का साधारण कारावास बिताना होगा तथा पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि दी गई सजा में समायोजित की जाएगी. इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र कामत तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह एवं रसिक लाल यादव ने हिस्सा लिया.