प्रयागराज से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। औद्योगिक थाना क्षेत्र में 26 अगस्त को एक नाले के पास एक बड़ा बैग मिला। बैग खोलने पर उसमें 17 वर्षीय किशोर का शव साड़ी में लिपटा हुआ बरामद हुआ। शव के हाथ-पैर और सिर अलग थे और उसे टुकड़ों में काटकर बैग में भरा गया था। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोग सन्न रह गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि शव की पहचान पीयूष नाम के किशोर के रूप में हुई। उसकी मां कामिनी सिंह ने उसी दिन बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस को इस वारदात का सुराग मिला और खुलासा हुआ कि हत्या किसी और ने नहीं बल्कि किशोर के दादा शरण सिंह ने ही की है।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में इस्तेमाल आरी और चापड़ बरामद की। पूछताछ में शरण सिंह ने सनसनीखेज खुलासा किया। उसने बताया कि 2023 और 2024 में उसके बेटे और बेटी ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गया था। इस दौरान उसने एक तांत्रिक से संपर्क किया। तांत्रिक ने उसे विश्वास दिलाया कि उसके परिवार पर जादू-टोना किया गया है और इसके लिए मृतक की दादी को जिम्मेदार ठहराया। इसी अंधविश्वास और गुस्से में उसने अपने ही पोते की बलि दे दी।
शरण सिंह ने पीयूष का अपहरण कर बेरहमी से हत्या की और शव को कई हिस्सों में काटकर अलग-अलग जगह फेंक दिया। शव का कुछ हिस्सा औद्योगिक थाना क्षेत्र से और कुछ करेली थाना क्षेत्र से बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हत्या की पुष्टि हुई है।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी दादा को गिरफ्तार कर लिया है और उस तांत्रिक की तलाश तेज कर दी है, जिसने आरोपी को इस जघन्य अपराध के लिए उकसाया। यह घटना फिर साबित करती है कि अंधविश्वास इंसान को किस हद तक अमानवीय बना सकता है और समाज के लिए कितना खतरनाक है।