सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर को दी जमानत, कहा- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 1 साल जेल में बिताना जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी को जमानत पाने के लिए एक साल जेल में बिताना कोई अनिवार्य नियम नहीं है. यह टिप्पणी अदालत ने 2000 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले में आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर को जमानत देते हुए की. जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि यह कोई नियम नहीं है कि जमानत पाने के लिए एक वर्ष तक हिरासत में रहना ज़रूरी है. ढेबर को अगस्त 2024 में गिरफ्तार किया गया था और वह अब तक नौ महीने से अधिक जेल में रह चुके हैं.

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ढेबर को पिछले वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया था और 9 महीने से अधिक समय उसने जेल में बिताया. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमें अधिकतम सजा सात साल की है. अब तक 40 गवाहों को पेश किया गया है जबकि कुल 450 गवाह हैं. ऐसे में निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की कोई संभावना नहीं है.

प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत का किया था विरोध

ईडी की ओर से पेश वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी को अभी हिरासत में एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है और वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति हैं. उनका दावा था कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले मामलों में एक साल की कस्टडी को बेंचमार्क माना है, इसलिए इस मामले में भी वही पैमाना लागू होना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कोई तय नियम नहीं है.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि वह विशेष अदालत की ओर से तय शर्तों पर आरोपी को एक सप्ताह के भीतर रिहा कर दे. पीठ ने कहा कि यदि कोई पासपोर्ट है तो उन्हें यह जमा करना होगा. जमानत की शर्तें विशेष अदालत द्वारा तय की जाएंगी.

कांग्रेस नेता के भाई को मिली जमानत

अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ के रायपुर के महापौर रहे और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के भाई हैं. उन्हें सबसे पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस में आयकर विभाग की चार्जशीट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. इस चार्जशीट में शराब व्यापार में टैक्स चोरी और गड़बड़ियों के आरोप थे. ईडी के अनुसार, 2019 से शुरू हुआ यह घोटाला करीब 2,161 करोड़ रुपए का है, जो राज्य सरकार के खजाने में जाना चाहिए था लेकिन कथित रूप से ब्यूरोक्रेट्स, राजनेताओं और अधिकारियों के गठजोड़ ने इसे गबन कर लिया.

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