सुप्रीम कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट जाने को कहा. वक्फ संशोधित कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत भी हुई थी.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सतीश कुमार अग्रवाल की ओर से दायर की गई थी. इस याचिका में मांग की गई थी कि मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर की जाए. सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जब तक दो या इससे अधिक राज्य शामिल नहीं हैं. हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर विचार नहीं करेंगे.
प्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए जो सीधे यहां चले आए. सीधे शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर करने के इस चलन की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसा है. जब तक दो या इससे अधिक राज्य शामिल नहीं हैं, हम अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाओं पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं.
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं, तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य में हुई हिंसा की अन्य घटनाओं को लेकर मुकदमे दायर करने वाले वकीलों पर पुलिस ने झूठे मामले दर्ज किए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को अपनी जान का खतरा है, तो वह हाई कोर्ट में ऑनलाइन याचिका दायर कर सकते हैं.
मुर्शिदाबाद हिंसा में हुई थी तीन लोगों की मौत
वक्फ संशोधन कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई थी. 8 से 12 अप्रैल के बीच हुए इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे. वक्फ कानून कानून 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ था. इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता बढ़ाना है.