जेल में सजा काट रहे आसाराम बापू ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. आसाराम को बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. इससे पहले उन्होंने सूरत में निचली अदालत में अपनी सजा को निलंबित करने की मांग की थी. वरिष्ठ वकील दामा शेषाद्रि नायडू ने आसाराम का कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि आसाराम कई सारी गंभीर बीमारियों से की चपेट में हैं.
उनका स्वास्थ्य बिल्कुल भी ठीक नहीं है. ऐसे में उन्हें जेल से अंतरिम रिहाई दी जानी चाहिए. नायडू ने कहा कि उम्र ज्यादा होने और बीमारियों के कारण वो चलने-फिरने में असमर्थ हैं. सर्दियों के दिनों डॉक्टरों ने उन्हें ऐसे कमरे में रखने को कहा है, जहां पर तापमान को अपनी सुविधा के मुताबिक, नियंत्रित किया जा सके. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे पहले अपनी पसंद के अस्पताल न मिलने के कारण आपने आसाराम का इलाज नहीं कराया और मना कर दिया. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए वकील ने जवाब दिया कि हम उनका बाईपास या एलोपैथिक इलाज नहीं करवा सकते उनके इलाज आयुर्वेद के जरिये किया जाना है.
तीन हफ्ते के भीतर सरकार से मांगा जवाब
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से तीन हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है. आसाराम को जनवरी 2023 में गुजरात में गांधीनगर के एक सेशन कोर्ट ने बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी. सूरत आश्रम में उनपर एक महिला शिष्या के साथ बार-बार रेप करने का आरोप लगाया गया था. सुनवाई और सबूतों के आधार पर उन्हें इस मामले में दोषी पाया गया था.
आसाराम ने आजीवन कारावास के इस फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में अंतरिम रिहाई के लिए अपील की. हाई कोर्ट की तरफ से सजा को निलंबित करने की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया.